दो साल में भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 83.7 बिलियन डॉलर पर पहुंचा

India-UAE bilateral trade doubled to $83.7 billion in two years
India-UAE bilateral trade doubled to $83.7 billion in two years

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 18 फरवरी 2022 को भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तीन सफल वर्ष पूरे होने की जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2020-21 के 43.3 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2023-24 में 83.7 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया।

बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर की 9 महीने की अवधि के दौरान द्विपक्षीय व्यापार पहले ही 71.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। उत्पाद स्तर पर, स्मार्टफोन निर्यात की एक प्रमुख वस्तु के रूप में उभरे हैं, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान यूएई के लिए 2.57 बिलियन डॉलर मूल्य के शिपमेंट भेजे गए हैं।

सीईपीए एक पूर्ण और गहन समझौता है जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह 1 मई 2022 को लागू हुआ।

सीईपीए ट्रेड बास्केट के विविधीकरण की अपनी क्षमता को साकार करने में सफल रहा है क्योंकि वित्त वर्ष 2023-24 में गैर-तेल व्यापार 57.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो कुल व्यापार का आधे से अधिक हिस्सा है। यह 2030 तक द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य के अनुरूप है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत के निर्यात के संदर्भ में, गैर-तेल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 27.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो सीईपीए लागू होने के बाद से 25.6 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर्ज करता है।

क्षेत्रीय स्तर पर, रिफाइंड कच्चे तेल उत्पादों और रत्न और आभूषण उत्पादों के अलावा, विद्युत मशीनरी और उपकरण, हल्के और मध्यम-उच्च टेक्नोलॉजी वाले सामान जैसे बॉयलर, जनरेटर और रिएक्टर और कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन प्रमुख उपलब्धियां हासिल करने वाले रहे हैं।

समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से, दोनों सरकारें नियमित उच्च-स्तरीय बैठकों और अधिकारियों के बीच तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से एक-दूसरे के निर्यातकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास कर रही हैं। पक्षीय व्यापार से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए माल में व्यापार समिति की भी कई बार बैठक हो चुकी है।

आपसी सहयोग और विश्वास की भावना से दोनों पक्षों ने विभिन्न अन्य उप-समितियों को क्रियान्वित करने के साथ-साथ सेवाओं में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, सीमा शुल्क प्रक्रिया और व्यापार सुविधा से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दुबई में भारत मार्ट पहल का उद्घाटन भारतीय निर्माताओं के लिए वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों की पेशकश करने के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेगा और निर्यात को बढ़ावा देगा।

भारत-यूएई सीईपीए के परिणामस्वरूप एमएसएमई को सशक्त बनाकर, रोजगार पैदा करके और नए व्यावसायिक अवसर पैदा कर दोनों देशों के लिए आर्थिक साझेदारी और कूटनीति का एक नया युग शुरू हुआ है।