
सुबह का समय दिन का सबसे जरूरी वक्त होता है, खासकर बच्चों के लिए। यह वह समय होता है जब वे दिन की शुरुआत करते हैं और उनकी एनर्जी और मनोदशा पूरे दिन के लिए तय होती है। इसलिए बच्चों में सुबह के समय हेल्दी रूटीन फॉलो करने की आदत डालनी चाहिए। ऐसे में, पेरेंट्स को चाहिए कि वे सुबह के समय बच्चों को कुछ चीजें करने से रोकें ताकि उनका दिन अच्छा और प्रोडक्टिव बन सके। यहां 10 ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो पेरेंट्स को सुबह के समय बच्चों को करने से मना करना चाहिए। ये काम करते हैं आपके बच्चे तो नहीं लगेगा पढ़ाई में मन
बच्चों को सुबह के समय क्या नहीं करना चाहिए?

मोबाइल फोन या टैबलेट का इस्तेमाल- सुबह उठते ही बच्चों को मोबाइल फोन या टैबलेट का इस्तेमाल करने से रोकें। इससे उनका ध्यान भटकता है और वे पढ़ाई या अन्य जरूरी कामों में मन नहीं लगा पाते।
जंक फूड खाना- सुबह के समय बच्चों को जंक फूड खाने से रोकें। इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है और वे दिनभर सुस्त महसूस कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: स्कूल भेजते वक्त पेरेंट्स की ये 10 गलतियां बिगाड़ सकती हैं बच्चे का पूरा दिन
जल्दबाजी में नाश्ता छोडऩा- कई बच्चे स्कूल जाने की जल्दबाजी में नाश्ता छोड़ देते हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को नाश्ता करने के लिए मोटिवेट करें, क्योंकि ब्रेकफास्ट दिन का सबसे जरूरी मील होता है।
झगड़ा या नेगेटिव बातें
सुबह के समय बच्चों के साथ झगड़ा करने या नकारात्मक बातें करने से बचें। इससे उनका मूड खराब हो सकता है और वे पूरे दिन चिड़चिड़े रह सकते हैं।
टीवी देखना- सुबह के समय बच्चों को टीवी देखने से रोकें। इससे उनका समय बर्बाद होता है और वे पढ़ाई या अन्य जरूरी कामों में ध्यान नहीं लगा पाते।
ऑर्गेनाइज न रहना- सुबह के समय बच्चों को अव्यवस्थित रहने से रोकें। उन्हें अपना बैग, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरी चीजें रात में ही तैयार करने के लिए कहें, ताकि सुबह जल्दबाजी न हो।
देर तक सोना- बच्चों को देर तक सोने से रोकें। सुबह जल्दी उठने से उन्हें दिन की शुरुआत करने के लिए भरपूर समय मिलता है और वे पूरे दिन एक्टिव रहते हैं।
नेगेटिव सोच- सुबह के समय बच्चों को नकारात्मक सोच से दूर रखें। उन्हें पॉजिटिव विचारों के साथ दिन की शुरुआत करने के लिए मोटिवेट करें।
ज्यादा प्रेशर डालना- सुबह के समय बच्चों पर पढ़ाई या अन्य कामों के लिए ज्यादा प्रेशर न डालें। इससे वे तनाव महसूस कर सकते हैं और उनका मूड खराब हो सकता है।
डिसिप्लिन की कमी- सुबह के समय बच्चों को अनुशासनहीन होने से रोकें। उन्हें समय पर उठने, ब्रेकफास्ट करने और तैयार होने के लिए मोटिवेट करें, ताकि वे दिनभर एक्टिव और प्रोडक्टिव रहें।
सुबह के समय बच्चों को इन चीजों से दूर रखकर पेरेंट्स उन्हें एक अच्छी और प्रोडक्टिव रूटीन के लिए तैयार कर सकते हैं। इससे न केवल बच्चों का फिजिकल और मेंटल डेवलप्मेंट बेहतर होगा, बल्कि वे पूरे दिन एक्टिव और खुश भी रहेंगे।
यह भी पढ़ें : अब राज्य में किसी सीजन में टूरिज्म ऑफ नहीं होगा : पीएम मोदी