मुकंदरा टाइगर रिजर्व में टाइगर एमटी-3 ने तोड़ा दम

कोटा। राजस्थान के कोटा जिले के मुकंदरा टाइगर रिजर्व में गुरुवार को टाइगर एमटी-3 मृत अवस्था में मिला। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बाघ लंबे समय से बीमार चल रहा था। उसका उपचार करने की तैयारी थी, इससे पहले ही उसकी मौत हो गई।

वहीं पर्यावरण प्रेमियों ने वन विभाग पर टाइगर के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि समय पर बेहतर इलाज नहीं होने के कारण टाइगर की मौत हुई है। उधर, प्रदेश के वन मंत्री ने कोटा डीएफओ टी. मोहनराज से टाइगर की मौत की पूरी रिपोर्ट मांगी है।

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मंदिर के पास मृत मिला टाइगर

जानकारी के अनुसार टाइगर एमटी-3 फरवरी 2019 से मुकंदरा अभयारण्य में रह रहा था। लंबे समय से उसकी अठखेलियां वन विभाग के कर्मचारी देख रहे थे। गुरुवार सुबह पहाड़ी के पास स्थित एक मंदिर के पास टाइगर बेहोशी की हालत में पड़ा मिला।

विभाग के कर्मचारियों ने काफी देर तक उसका मूवमेंट नहीं होने पर अनहोनी की आशंका जताई और उच्चाधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद चिकित्सा टीम और अधिकारी मौके पर पहुंचे। टाइगर को चिकित्सा टीम ने चेक किया तो उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उप जिला कलेक्टर सीएल मीणा, पुलिस उपाधीक्षक मंजीत सिंह भी मौके पर पहुंचे और जायजा लिया। टाइगर का मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया। उसके बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया।

रोते हुए सेल्यूट कर दी विदाई

वन विभाग के कर्मचारियों ने अंतिम संस्कार के समय टाइगर को रोते हुए सेल्यूट कर अंतिम विदाई दी। कर्मचारियों ने बताया कि हम रोजाना इस टाइगर की अठखेलियां देखकर रोमांचित होते थे। अब हमें कभी ऐसा मौका नहीं मिलेगा।

वहीं, डीएफओ ने बताया कि टाइगर बीते पांच दिनों से बीमार चल रहा था। वह लंगड़ा कर चल रहा था। उसका उपचार करने के लिए टीम पहुंचने वाली थी, इससे पहले ही उसकी मौत हो गई। डीएफओ के अनुसार हम उच्चाधिकारियों और सरकार को इस मामले की रिपोर्ट भेज रहे हैं। लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है, यह सामान्य मौत है।