भूकंप का दंश झेल रहे म्यांमार की मदद को आगे आए क्वाड देश, दो करोड़ अमेरिकी डॉलर की देंगे सहायता

म्यांमार
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न्यूयॉर्क। भूकंप का दंश झेल रहे म्यांमार की मदद के लिए अब क्वाड देश भी आगे आए हैं। क्वाड में शामिल भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने म्यांमार को दो करोड़ अमेरिकी डॉलर (20 मिलियन) से अधिक की मानवीय सहायता देने का एलान किया है। क्वाड देश लगातार भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए म्यांमार को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। साथ ही आपातकालीन चिकित्सा दल की तैनाती कर रहे हैं। क्वाड देशों ने एक संयुक्त बयान में भूकंप के बाद म्यांमार और थाईलैंड के लोगों के प्रति सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की। बयान में कहा गया कि म्यांमार में पहले से ही गंभीर मानवीय स्थिति में जानमाल की हानि और बुनियादी ढांचे के व्यापक विनाश ने इसे और खराब कर दिया है। क्वाड का प्रयास है कि हमारी प्रतिक्रिया से कुशलता से सहायता पहुंचाई जाए और प्रभावित समुदायों की जरूरतों को पूरा करे।

क्वाड की मानवीय सहायता और आपदा राहत भागीदारी ने एक समन्वय समूह स्थापित किया है जो आपदा प्रबंधन पर मानवीय सहायता के लिए आसियान समन्वय केंद्र सहित अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। क्वाड राष्ट्रों ने अस्थायी, आंशिक युद्धविराम का स्वागत किया। उन्होंने सभी पक्षों से उपाय लागू करने, विस्तारित करने और व्यापक बनाने का आह्वान किया। ताकि पूरे म्यांमार में जीवन रक्षक मानवीय सहायता के समय पर वितरण की सुविधा के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा सके। बयान में कहा गया है कि क्वाड सहयोग की उत्पत्ति 2004 के हिंद महासागर भूकंप और सुनामी के बाद हुई है। तब हमने इंडो-पैसिफिक में जरूरत के समय में व्यावहारिक और प्रभावी मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान की है। राष्ट्रों ने एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

अब तक तीन हजार लोगों की मौत

बीते शुक्रवार यानी 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। जिससे हजारों इमारतें जमींदोज हो गईं। भूकंप में मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है। मृतकों की संख्या 3145 हो गई है। वहीं इस विनाशकारी भूकंप के बाद अभी चार हजार से ज्यादा लोग घायल है और कुल 341 लोग लापता हैं। प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप है। दूरसंचार और इंटरनेट सुविधा भी बाधित है। इसी बीच सेना ने बुधवार को 22 अप्रैल तक अस्थायी युद्ध विराम की घोषणा की। यह घोषणा सैन्य शासन का विरोध करने वाले सशस्त्र प्रतिरोध समूहों की तरफ से घोषित एकतरफा अस्थायी युद्ध विराम के बाद की गई है।