जयपुर में बांग्लादेशी संदिग्धों की धरपकड़: 100 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा

बांग्लादेशी संदिग्धों की धरपकड़
बांग्लादेशी संदिग्धों की धरपकड़

जयपुर। राजस्थान सरकार ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अपने रुख को और सख्त कर दिया है। जयपुर में एक बड़ा अभियान चलाते हुए पुलिस ने 100 से अधिक संदिग्धों को राउंडअप किया है। उदयपुर में भी ज्वेलरी की दुकानों पर काम करने वाले बंगाली मजदूरों की जांच की जा रही है, दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इन सभी को दस्तावेजों की जांच और पहचान प्रक्रिया पूरी होने के बाद अलवर के डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा। यह कार्रवाई राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक स्पष्ट संदेश है— राज्य की सीमाएं अब लापरवाही का बोझ नहीं उठाएंगी।

अभियान की अगुवाई एडिशनल कमिश्नर डॉ. रामेश्वर सिंह ने की। उन्होंने बताया कि यह सर्च ऑपरेशन उस के बाद तेज किया गया जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की नजर राजस्थान में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर जा टिकी।

जयपुर के भांकरोटा, हसनपुरा और दौलतपुरा इलाकों में चलाए गए इस समन्वित अभियान में पुलिस ने संदिग्ध बांग्लादेशियों के ठिकानों पर दस्तक दी। करीब 35 लोगों के दस्तावेज फर्जी पाए गए, जबकि 100 से ज्यादा संदिग्धों को पहचान के आधार पर हिरासत में लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि न केवल इनके पहचान पत्र और रिहायशी प्रमाणों की जांच की जा रही है, बल्कि कॉल डिटेल्स, बैंकिंग ट्रांजैक्शन और स्थानीय संपर्कों को भी खंगाला जा रहा है। इस कार्रवाई का उद्देश्य महज़ पहचान नहीं, बल्कि संपूर्ण नेटवर्क को ध्वस्त करना है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को अपने निवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें गृह विभाग, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए। सीएम ने दो टूक कहा — राज्य सरकार इस मसले पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाएगी।