डीटीए और वित्तीय सलाहकारों ने सरकार को मुदकमेंबाजी में उलझाया

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जूनियर अकाउंटेंट्स को उनके रिक्त पदों पर ही देनी होगी तैनाती- हाईकोर्ट ने सरकार को दिया तीन सप्ताह का समय

बहुत से विभागों में वित्तीय सलाहकारों ने तबादले के बावजूद अपने चेहते लेखाधिकारियों को नहीं होने दिया रिलीव- उन्हें जूनियर अकाउंटेंट के पद पर नियम विरुद्ध लगाकर करवा रहे काम

जूनियर अकाउंटेंट्स ने डीटीए के संज्ञान में लाया मामला फिर भी नहीं की कोई कार्रवाई

जयपुर। राजस्थान के सरकारी महकमों को नियम-कायदे का पाठ पढ़ाने वाले वित्त विभाग के वित्तीय सलाकारों ने निजी फायदे के लिए सरकार को भारी मुकद्मों में उलझा दिया। मामला नए जूनियर अकाउंटेंट्स की तैनाती से जुड़ा है।
जोधपुर हाईकोर्ट ने बीकानेर कोष कार्यालय में तैनात जूनियर अकाउंटेंट्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके लिए निर्धारित रिक्त पदों के बजाय वरिष्ठ पदों पर की गई नियुक्ति को गलत ठहराते हुए सरकार को आदेश दिया है कि जूनियर अकाउंटेंट्स को उनके रिक्त पदों के विरुद्ध ही लगाया जाए। इसके सरकार को लिए 3 सप्ताह का समय दिया है।

मलाइदार महकमों में चेहते टिके रहें- इसलिए उलझा मामला

सरकार इस मामले में इसलिए उलझी क्योंकि मलाइदार महकमों में तैनात वित्तीय सलाहकारों ने अपने खास अधीनस्थों को राजकीय तबादला आदेशों के बावजूद रिलीव नहीं होने दिया। इसी साल जनवरी में सरकार ने एक साल बाद 1150 लेखा सेवा अधिकारियों के तबादले किए। लेकिन इनमें से अधिकतर ने नए पदों पर ज्वाइन ही नहीं किया। इसके बाद अप्रेल में जब जूनियर अकाउंटेंट्स की नियुक्ति का दबाव बढ़ा तो डीटीए ने सभी को अपने आदेश से रिलीव कर दिया। इसके बाद जूनियर अकांटेंट्स की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए। जब जूनियर अकाउंटेंट तबादला आदेशों की पालना में विभाग में ज्वाइन करने पहुंचे तो पता चला कि डीटीए के रिलीव करने के बावजूद भी सैंकड़ों अफसर उन्हीं महकमों में जमे हुए हैं।

वहां के वित्तीय सलाहकारों ने नए जूनियर अकाउंटेंट्स को पद खाली नहीं होने का हवाला देते हुए एपीओ कर फिर डीटीए भेज दिया। डीटीए ने अपने आदेशों की अव्हेलना करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय जूनियर अकाउंटेंट्स को अन्य जिलों में वरिष्ठ लेखाधिकारियों के खाली पदों पर नियुक्ति दे दी। जबकि इनमें से कई पद ऐसे हैं जो वरिष्ठता में उनसे 2 से 3 स्केल उपर के हैं। इसके चलते लेखा विभाग का पूरा पिरामिट ही गड़बड़ा गया। इसमें जूनियर सीनियर हो गए और सीनियर जूनियर के पदों पर बैठे हैं।

अन्य जिलों से भी जूनियर अकाउंटेंट्स कोर्ट जाने की तैयारी में

जोधपुर हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अन्य जिलों में वरिष्ठ पदों के विरुद्ध लगाए गए जूनियर अकाउंटेंट्स सरकार के तबादला आदेश को चुनौती देते हुए कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। ऐसे में सरकार को इस मामले में भारी मुकद्मेंबाजी का सामना करना पड़ सकता है।

यह है मामला- कोर्ट ने यह दिया आदेश

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्हें केवल 3 महीने बाद स्थानांतरित किया गया है, और उन्हें AAO Grade II जैसे सीनियर पद पर नियुक्त किया जा रहा है जबकि वे केवल जूनियर अकाउंटेंट के रूप में चयनित हुए थे।
वहीं सरकार की तरफ से एएजी महावीर बिश्नोई ने कोर्ट को बताया कि यह स्थानांतरण नहीं बल्कि पदस्थापन आदेश है और यह रिक्तियों के अनुसार किया गया है। वहीं कोर्ट ने माना कि यह स्थानांतरण आदेश नहीं है बल्कि नियुक्ति के बाद की औपचारिक पदस्थापना है।

– न्यायालय ने यह भी माना कि कोई भी नया नियुक्त जूनियर अकाउंटेंट प्रोन्नत पद (AAO Grade II) के कर्तव्य नहीं निभा सकता। कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि किसी याचिकाकर्ता को ऐसे स्थान पर भेजा गया है जहां जूनियर अकाउंटेंट की रिक्त नहीं है, तो विभाग को आदेश में संशोधन कर उसे ऐसे स्थान पर पदस्थापित करना होगा जहां रिक्ति हो।

– जहां जूनियर अकाउंटेंट की रिक्ति मौजूद है, वहां की गई पोस्टिंग में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

– उक्त निर्देशों के अनुसार संशोधित आदेश तीन सप्ताह के भीतर जारी किए जाएं।

– नए आदेश जारी होने के बाद, याचिकाकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से उनके वर्तमान स्थान से मुक्त कर नए स्थान पर कार्यग्रहण करने दिया जाए।

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