25 मई से आरंभ हो रहे हैं नौतपा, आइये जानते हैं क्या होते हैं नौतपा

नौतपा
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गर्मी में नौतपा में कितनी महत्वपूर्ण है बारिश का नहीं आना

प्रतिवर्ष ग्रीष्म ऋतु ज्येष्ठ माह में नौतपा प्रारंभ होता है इस साल नौतपा 25 मई से शुरू होगा और 8 जून को समाप्त होगा। यानी 15 दिनों की इस अवधि में धरती का तापमान सबसे अधिक होगा।इन 15 दिनों में प्रचंड गर्मी पड़ेगी और आसमान से आग बरसेगी। नौतपा की अवधि में सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी होती है जो समुद्र के पानी का वाष्पीकरण तेजी करके बादलों का निर्माण करती है। इससे मानसून में अच्छी बारिश होने की सम्भावना बनती है, लेकिन यदि समुद्री क्षेत्रों में नौतपे की अवधि में ही बारिश हो गई तो वाष्पीकरण की यह प्रक्रिया रुक जाती है और बादल कम बन पाते हैं, इसीलिए अतिआवश्यक है कि नौतपा का अच्छे से तपे। यदि इन नौ दिनों की अवधि में बारिश हो जाती है तो उसे अच्छा नहीं माना जाता है और इसे नौतपा का गलना कहा जाता है। यदि नौतपा गल जाता है तो अच्छे मॉनसून की आशा नहीं की जा सकती है।इसलिए कहते हैं कि नौतपा में जितनी भीषण गर्मी पड़ती है उतनी ही अच्छी बारिश का संकेत होता है।

नौतपा की अवधि में अवश्य रखे ये सावधानियां

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सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहता है तब तक नहीं तो कम से कम 9 दिनों तक तो ये पांच सावधानियां रखना आवश्यक है अन्यथा आपके स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। नौतपा की अवधि में किसी भी स्थिति में बिना कुछ खाए पिए घर से न निकलें। खुले शरीर बाहर न निकलें, टोपी पहने, कानों को ढंककर रखें और आंखों पर धूप का चश्मा अवश्य लगाएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं प्याज खाएं और साथ में भी रखें मौसमी फल, फलों का रस, दही, म_ा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी और आम का पना पिएं। नरम,मुलायम, सूती कपड़े पहनें जिससे हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहे। इसके अतिरिक्त समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार ग्लुकोज का सेवन करते रहें और अपनी ऊर्जा का उपयोग अनावश्यक न करें। लू लगने के क्या लक्षण होते हैं यह पहले से ही जान लें लू लगने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

नौतपा में करें ये उपाय

नौतपा के दौरान गर्मी से बचने और भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सूर्य को अघ्र्य देना, ठंडी चीजें दान करना,भगवान कृष्ण की पूजा करना,शिवलिंग पर जल चढ़ाना, और लोगों को मीठा खिलाना जैसे काम किए जा सकते हैं।इसके अलावा, मेंहदी लगाना और सूती वस्त्र दान करना भी लाभकारी होता है। ये सभी उपाय गर्मी से राहत दिलाने के साथ-साथ पुण्य भी दिलाते हैं।

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