मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध सभी अस्पतालों में जल्द लागू होगा क्यू मैनेजमेंट सिस्टम

क्यू मैनेजमेंट सिस्टम
क्यू मैनेजमेंट सिस्टम

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कांवटिया एवं जयपुरिया अस्पताल में सफलतापूर्वक लागू

चिकित्सा शिक्षा सचिव ने दोनों अस्पतालों में पहुंचकर लिया जायजा रोगियों ने कहा — अब कतारों में खड़ा रहने से मिली मुक्ति मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री का व्यक्त किया आभार

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में प्रदेश के अस्पतालों में रोगियों एवं परिजनों को कतारों से मुक्ति दिलाने के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है। फिलहाल जयपुरिया एवं कांवटिया अस्पताल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किए गए इस सिस्टम के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने शनिवार प्रात: जयपुरिया एवं कांवटिया अस्पताल पहुंचकर क्यू मैनेजमेंट सिस्टम सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल परिसर में ओपीडी काउंटर पर पहुंचकर क्यू मैनेजमेंट सिस्टम से होने वाली रोगी पंजीकरण की प्रक्रिया को देखा। साथ ही, चिकित्सकों एवं रोगियों से बातचीत कर नई व्यवस्था के बारे में फीडबैक लिया।

अब लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ता—

रोगियों ने बताया कि पहले उन्हें पर्ची के लिए लंबे समय तक लाइनों में खड़ा होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था। अब क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने से बहुत कम समय में उनका पंजीकरण हो जाता है और जिस डॉक्टर को दिखाना होता है, उनके रूम के बाहर इंतजार करने के बजाय वे प्रतीक्षाकक्ष में आराम से बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। एलईडी स्क्रीन पर अपना टोकन नंबर दिखाई देने पर चिकित्सक से परामर्श ले लेते हैं। रोगियों ने इस नवाचार के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सुविधाओं को सुगम बनाने की दिशा में राज्य सरकार की यह पहल बेहद सराहनीय है।

चिकित्सकों को भी परामर्श में सुगमता—

चिकित्सकों ने बताया कि क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने से उन्हें भी उपचार एवं परामर्श में काफी सुगमता हुई है। अब रूम के बाहर भीड़ एकत्र नहीं होती, इससे एकाग्रता के साथ रोगी को देखना आसान होता है। साथ ही, रोगियों की बारी एवं उपचार प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता बनी रहती है। इस तकनीकी पहल से रोगियों का डाटा भी संधारित करने में आसानी होती है।

जल्द एसएमएस में भी होगा लागू—

चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि ​जयपुरिया एवं कां​वटिया अस्पताल से इस तकनीकी नवाचार को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया है। दोनों अस्पतालों में सफलतापूर्वक लागू होने के बाद अब मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी अस्पतालों में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम प्रारंभ किया जाएगा। सवाई मानसिंह अस्पताल में भी जल्द ही यह सिस्टम लागू हो जाएगा। इसके लिए तैयारियों जोर—शोर से चल रही हैं। उन्होंने एसएमएस अस्पताल में चल रही तैयारियों की गहन समीक्षा भी की। चिकित्सा शिक्षा सचिव के साथ सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अन्य अस्पतालों के अधीक्षक भी जयपुरिया अस्पताल क्यू मैनेजमेंट सिस्टम का अवलोकन करने पहुंचे। इन अस्पतालों में भी शीघ्र ही यह सिस्टम प्रारंभ किया जाएगा।

जीवन रक्षा ही सर्वोच्च दायित्व—

चिकित्सा शिक्षा सचिव ने अस्पताल में आईसीयू, आपातकालीन इकाई, सामान्य वार्ड आदि में पहुंचकर भी स्वास्थ्य सुविधाओं का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में साफ—सफाई एवं मरम्मरत कार्यों पर प्राथमिकता के साथ ध्यान दिया जाए, ताकि रोगियों एवं परिजनों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो। उन्होंने कहा कि रोगियों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना एवं जीवन रक्षा ही हम सबका सर्वोच्च दायित्व है, इसमें किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

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