इंडिया में खूब खाई जाती है ऐग करी, जानें कब हुई इसकी शुरुआत

ऐग करी
ऐग करी

भारतीय खान-पान में अंडा करी या एग्ग करी काफी मशहूर है। अंडे से बनी यह डिश काफी टेस्टी होती है और इसे चावल, रोटी या पराठे के साथ खाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतनी मशहूर डिश, जिसे भारत के लगभग हर हिस्से में खाया जाता है, को बनाने की शुरुआत कैसे हुई थी? अपने एक वीडियो में मशहूर शेफ रणवीर बरार ने अंडा करी के इतिहास के बारे में बताया और यकीन मानिए आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इसे बनाने की शुरुआत कैसे हुई थी। इंडिया में खूब खाई जाती है ऐग करी, जानें कब हुई इसकी शुरुआत

भारतीय नहीं खाते थे अंडे

ऐग करी
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प्राचीन भारत में अंडे को लेकर कई मान्यताएं थीं। ऐसा माना जाता था कि अंडा जीवन का सोर्स है। इसलिए अंडे को खाना अच्छा नहीं माना जाता था। साथ ही, इसे तामसिक खाने की श्रेणी में रखा जाता था। इसलिए अंडा भारतीय खान-पान का हिस्सा नहीं था।

भारत में अंडे खाने की शुरुआत

जब पारसी और अंग्रेज भारत आए, तो वे अपने साथ अपनी-अपनी खान-पान की संस्कृति भी लेकर आए। भारत में अंडे खाने की परंपरा को बढ़ावा देने में पारसी और ब्रिटिश लोगों की अहम भूमिका रही। पारसी, जो भारत में 8वीं शताब्दी के आसपास आए, अपने साथ नए खान-पान की आदतें लाए। अंडा उनके खान-पान का हिस्सा था और इन्हीं से धीरे-धीरे भारत में अंडा खाने की शुरुआत हुई।

कैसे हुई अंडा करी बनाने की शुरुआत?

हालांकि, अंडा करी बनाने में सबसे बड़ा योगदान ब्रिटिश शासन का रहा। दरअसल, अंडा अंग्रेजों के ब्रेकफास्ट का अहम हिस्सा हुआ करता था। वे सुबह के नाश्ते में उबले हुए अंडे खाते थे। जब वे भारत आए, तो उन्होंने भारतीय खान-पान को भी अपनाना शुरू किया। इनमें दम वाली सब्जियों में उबले हुए अंडों को गार्निश करने के लिए ऊपर से डाला जाता था। इसका स्वाद बेहद अच्छा लगता था और अंग्रेज सुबह के बचे हुए उबले अंडो को खुद कहकर सब्जी में डलवाते थे। इस तरह अंडा करी बनाने की शुरुआत हुई।

भारत में कैसे मशहूर हुई यह डिश?

अंग्रेजों के बाद धीरे-धीरे भारतीयों ने भी इस डिश को अपनाया। टेस्टी होने के साथ-साथ यह काफी हेल्दी भी होता है। इसलिए भारतीयों ने भी इस डिश को तेजी से अपनाना शुरू कर दिया। हालांकि, तब के समय की अंडा करी और आज की अंडा करी में काफी बदलाव आ चुका है, लेकिन अलग-अलग मसालों के मिश्रण से बनी इसकी करी का स्वाद आज भी लोगों को खूब भाता है।

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