
गठिया के कारण जोड़ों में काफी तेज दर्द, सूजन और अकडऩ की समस्या हो जाती है। इसके कारण रोजमर्रा के छोटे-मोटे काम करना भी मुश्किल लगने लगता है। हालांकि, गठिया को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे मैनेज जरूर कर सकते हैं। दवाइयों के साथ-साथ कुछ योगासन भी गठिया के दर्द को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। दरअसल, नियमित रूप से योग करने से जोड़ों की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं और दर्द से राहत मिलती है। इसलिए गठिया के मरीजों के लिए योग काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए जानें गठिया के दर्द को कम करने के लिए 5 आसान योगासन। ये 5 योगासन करने से मिलेगी गठिया के दर्द से राहत
ताड़ासन

ताड़ासन बेहद आसान योगासन है, जो शरीर के बैलेंस और पोश्चर को सुधारने में मदद करता है। यह आसन पैरों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है, जिससे गठिया के दर्द में आराम मिलता है। इसे रोज करने से जोड़ों का दर्द कम होता है और बॉडी की स्ट्रेचिंग भी होती है।
कैसे करें?
सीधे खड़े हो जाएं, दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप रखें।
हाथों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं और शरीर को स्ट्रेच करें।
गहरी सांस लेते हुए कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें।
धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
वृक्षासन
वृक्षासन बैलेंस और फोकस बढ़ाने वाला आसन है। यह पैरों और कूल्हों के जोड़ों को मजबूत करता है, जिससे गठिया के दर्द में आराम मिलता है। इस आसन को करने से जोड़ों और कूल्हों को मजबूती मिलती है।
कैसे करें?
सीधे खड़े होकर एक पैर को दूसरे पैर की जांघ पर रखें।
हाथों को नमस्ते की मुद्रा में सीने के पास लाएं या ऊपर उठाएं।
30 सेकंड से 1 मिनट तक इसी पोजिशन में रहें।
फिर दूसरे पैर से भी यही प्रोसेस दोहराएं।
भुजंगासन
भुजंगासन कमर और रीढ़ की हड्डी के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे रीढ़ की हड्डी फ्लेक्सिबल बनती है। यह आसन गठिया के कारण होने वाले कमर दर्द और जोड़ों की अकडऩ को कम करता है। साथ ही, यह गर्दन की दर्द से राहत दिलाने में भी मददगार है।
कैसे करें?
पेट के बल लेट जाएं और हाथों को कंधों के पास रखें।
सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं, कोहनियां सीधी रखें।
कुछ सेकंड इसी पोजिशन में रहें और फिर नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। यह आसन गठिया के दर्द को कम करने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है। इस आसान को नियमित रूप से करने से पेट और पीठ की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
कैसे करें?
पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें।
हाथों को शरीर के बगल में रखकर कूल्हों को ऊपर उठाएं।
30 सेकंड तक इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आ जाएं।
सुखासन और प्राणायाम
सुखासन एक आरामदायक मुद्रा है जिसमें बैठकर गहरी सांस ली जाती है। इसके साथ प्राणायाम करने से तनाव कम होता है। स्ट्रेस के कारण शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जो गठिया के दर्द को बढ़ा देता है। इसलिए गठिया के मरीजों के लिए ये दोनों योगासन काफी फायदेमंद होते हैं। इन आसनों की रोज प्रैक्टिस करने से मन शांत रहता है।
कैसे करें?
पालथी मारकर बैठ जाएं और रीढ़ को सीधा रखें।
आंखें बंद करके गहरी सांस लें और छोड़ें।
इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं।
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