
टोंक। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सवाईमाधोपुर और दौसा जिले के लिए बन रहे ईसरदा बांध का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। बांध का 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। पिलर्स और 28 गेटों का काम पूरा हो गया है। मिट्टी के बांध का कुछ हिस्सा बाकी है। मानसून में 256 आरएल मीटर तक पानी संग्रहित किया जाएगा। वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत गुरुवार को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय की ओर से मीडिया फील्ड भ्रमण कराया गया। इसमें जिला मुख्यालय के पत्रकारों ने निर्माणाधीन ईसरदा बांध का अवलोकन किया। जनसंपर्क अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया कि भ्रमण का उद्देश्य जल संरचनाओं के कार्यों और भविष्य में होने वाले लाभ को दिखाना था। ईसरदा बांध परियोजना के अधिशाषी अभियंता विकास गर्ग ने पत्रकारों को निर्माण कार्य और फिल्टर प्लांट साइट का निरीक्षण कराया। उन्होंने प्रगतिरत कार्यों, प्रभावित परिवारों को भूमि आवंटन और पुनर्वास अवार्ड की स्थिति की जानकारी दी।
बांध से दौसा जिले के 1 हजार 79 गांव और 5 शहरों तथा सवाईमाधोपुर जिले के 177 गांव और 1 शहर को स्वच्छ पेयजल मिलेगा। यह परियोजना बीसलपुर बांध के अधिशेष पानी और बनास नदी के वर्षा जल का बेहतर प्रबंधन करेगी। साथ ही, रामजल सेतु लिंक परियोजना के तहत अन्य बांधों को भी पेयजल आपूर्ति संभव होगी। बांध के ओवरफ्लो भाग में स्पिलवे ब्रिज पर स्लैब निर्माण कार्य प्रगतिरत है। अब तक 28 में से 28 स्लैब डाले जा चुके हैं। 28 में से 28 पियर्स तय ऊंचाई तक पूरे हो चुके हैं। 84 में से 84 गर्डर लॉन्च किए जा चुके हैं। 28 में से 27 ब्लॉक एप्रेन बन चुके हैं। 28 में से 28 पावर पैक रूम और 28 रेडियल गेट तैयार हो चुके हैं। 56 में से 56 हाइड्रोलिक सिलेंडर लगाए जा चुके हैं। मिट्टी के बांध का कार्य 90 प्रतिशत और मुख्य बांध का कार्य 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
टोंक जिले का जल स्त्रोतों का भूजल स्तर बढ़ेगा
इसरदा बांध में पानी का भराव होने के बाद जल स्त्रोतों में भूजल स्तर काफी बढ़ जाएगा। जिससे किसानों को काफी फायदा मिल सकेगा। वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा।