
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या और आहार दोनों को ठीक रखना तो जरूरी है ही, इसके साथ ही जरूरी है रोजाना रात में पर्याप्त नींद लेना। शोध बताते हैं कि जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उनमें कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक हो सकता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए रात में अच्छी नींद जरूरी है। अध्ययन बताते हैं कि वयस्कों के लिए रोजाना रात में 6-8 घंटे नींद बहुत जरूरी है। एक दिन भी अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो इसका सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है। वयस्कों की ही तरह से बच्चों के लिए भी रात में पर्याप्त नींद जरूरी है, ये उनके शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के विकास के लिए आवश्यक है। क्या आपका बच्चा देर रात तक जागता है या दिन में भी थका-थका दिखता है? तो यह संकेत हो सकता है कि उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल रही। बच्चों के विकास में नींद की भूमिका उतनी ही अहम है जितनी पोषण और पढ़ाई की। आज जानिए किस उम्र के बच्चों को कितनी नींद जरूरी
बच्चों की अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, माता-पिता सुनिश्चित करें कि आपके बच्चों को पर्याप्त नींद मिल रही है। नवजात से लेकर किशोरों तक सभी के लिए ये आवश्यक है। नींद के दौरान शरीर ग्रोथ हार्मोन्स बनाता है, जो हड्डियों, मांसपेशियों और ऊंचाई बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा अच्छी नींद दिमाग को दिनभर सीखी बातों को समझने और याद रखने में मदद करती है। कुछ शोध ये भी बताते हैं कि पर्याप्त नींद लेने वाले बच्चे कम चिड़चिड़े होते हैं और भावनाएं बेहतर तरीके से संभालते हैं। अच्छी नींद और अच्छी इम्युनिटी के बीच भी संबंधों का पता चलता है। शोध बताते हैं कि पर्याप्त नींद लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिससे बच्चा बीमारियों से बचता है।
नींद पूरी न होने के कई दुष्प्रभाव
जिन बच्चों की नींद पूरी नहीं होती है उनमें कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बना रहता है। अगर बच्चे पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं तो उनका विकास प्रभावित हो सकता है। ग्रोथ हार्मोन की कमी से बच्चे का शारीरिक विकास प्रभावित हो जाता है। इतना ही नहीं आगे चलकर उसकी याददाश्त कमजोर हो सकती है और पढऩे में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है। नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं जिससे मोटापा बढ़ता है। मोटापा के कारण डायबिटीज, हृदय रोग और सूजन संबंधित कई प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। बच्चों में बढ़ते मोटापे की समस्या को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अलर्ट करते रहे हैं।
उम्र के हिसाब से कितने घंटे की नींद जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कई अध्ययनों के आधार पर बताया है कि नवजात से लेकर किशोर तक के लिए रात में कितने घंटे की नींद जरूरी है?
नवजात (0-3 महीने) 14-17 घंटे
शिशु (4-11 महीने) 12-15 घंटे
टॉडलर (1-2 साल) 11-14 घंटे
प्री-स्कूलर (3-5 साल) 10-13 घंटे
स्कूली बच्चे (6-13 साल) 9-11 घंटे
किशोर (14-17 साल) 8-10 घंटे
नींद की कमी से डायबिटीज का खतरा
एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उनमें डायबिटीज होने का खतरा अधिक हो सकता है। जर्नल डायबिटीज केयर में प्रकाशित इस अध्यययन की रिपोर्ट के मुताबिक नींद हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। सप्ताह भर की भी अनियमित नींद मध्यम आयु वर्ग और वृद्ध लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने के खतरे को 34 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है।
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