
जयपुर: भारत की अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी, एसीएमई सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड (एसीएमई सोलर) ने राजस्थान में अपने 250 मेगावॉट के फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (एफडीआरई) प्रोजेक्ट के लिए एनएचपीसी लिमिटेड, जो एक ट्रिपल-ए रेटेड सरकारी उद्यम है, के साथ 25 साल का बिजली खरीद समझौता (पीपीए) साइन किया। यह समझौता 4.56 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की दर पर हुआ है, जिसमें न्यूनतम 40% वार्षिक क्षमता उपयोग (सीयूएफ) और रोजाना 4 घंटे की पीक पावर की 90% जरूरत को पूरा करना शामिल है। यह पीपीए एसीएमई सोलर की एफडीआरई क्षेत्र में स्थिति को मजबूत करने और सोलर, विंड, व बैटरी स्टोरेज टेक्नोलॉजी के नए मिश्रण के साथ भारत की स्वच्छ ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देने का महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रोजेक्ट एक आईएसटीएस सबस्टेशन से जुड़ा होगा, जिसके लिए कनेक्टिविटी पहले से ही मौजूद है। टैरिफ को अपनाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के सेक्शन 63 के तहत जरूरी मंजूरी 19 जून 2025 को माननीय सीईआरसी द्वारा एनएचपीसी की याचिका संख्या 87/एटी/2025 में दी गई है।
इस पीपीए पर हस्ताक्षर करने के बाद, एसीएमई सोलर का पीपीए-साइन किया हुआ पोर्टफोलियो 5,130 मेगावॉट का हो गया है, जिसमें से 2,826.2 मेगावॉट पहले से ही चालू है, और बाकी विभिन्न चरणों में लागू हो रहा है। इसके अतिरिक्त, कंपनी के पास 1,840 मेगावॉट की एक मजबूत पाइपलाइन है, जिसके लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) प्राप्त हो चुका है। एसीएमई सोलर के कुल पोर्टफोलियो में 86% हिस्सा केंद्रीय सरकारी उद्यमों के साथ और बाकी 14% राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ है।
एसीएमई सोलर होल्डिंग्स के बारे में:
एसीएमई सोलर होल्डिंग्स एक अग्रणी इंटीग्रेटेड रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है, जिसके पास 6,970 मेगावॉट की विविध ऊर्जा क्षमता है, जिसमें सोलर, विंड, एफडीआरई और हाइब्रिड समाधान शामिल हैं। यह माइलस्टोन हासिल करने के साथ, एसीएमई सोलर की चालू क्षमता अब 2,826.2 मेगावॉट हो गई है, जबकि 4,143.8 मेगावॉट परियोजनाएं विभिन्न चरणों में क्रियान्वयन के अंतर्गत हैं। कंपनी की अपनी इन-हाउस ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) और ओ&एम (ऑपरेशन और मेंटेनेंस) टीम है, जो प्लांट का संपूर्ण विकास और रखरखाव कार्य करती है। इससे परियोजनाओं को समय और लागत की दृष्टि से प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकता है, साथ ही कंपनी का प्रदर्शन अपने उत्कृष्ट सीयूएफ (कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर) और ऑपरेटिंग मार्जिन के साथ उद्योग में अग्रणी बना हुआ है।