
- भाग भला दिन पाधरा, पैंडै पाकै बोर।
- घर मींडळ घोड़ा जणै, लाडू मारे चोर।।
जब भाग्य अनुकूल हो अर दिन अच्छे हों, तो फिर आश्चर्यजनक काम भी होने लगते हैं। तब मार्ग से पके हुए बेर मिल जाते हैं। घर की भैंस घोड़े को जन्म देती है। और लडडू चोरों को मार डालते हैं।
एक टीडा नाम का ज्योतिषी था। उसे यद्यपि ज्योतिष विद्या का कुछ भी ज्ञान नहीं था, तथापि वह ज्योतिष का पाखंड रचता था। एक बार यह किसी काम से एक गांव से दूसरे गांव जा रहा था। रास्ते में उसे दो सफेद बैल खेत में चरते हुए दिखाई पड़े। इस बात को उसने ध्यान में रख लिया। टीडा ने गांव में पहुंच कर एक पटेल के यहां डेरा डाल दिया। उसके गांव में पहुंचने पर यह बात फैल गई कि कोई ज्योतिषी गांव में आया है। गांव के एक किसान के दो बैल खो गए थे और वह बड़ा परेशान था। जब उसने गांव में ज्योतिषी के आने की खबर सुनी तो वह अपने बैलों के बारे में पूछने के लिए पटेल के घर आया।
उसने ज्योतिषी टीडा से मिलकर पूछा कि जोशीजी महाराज, मेरे दो बैल खो गए हैं, आप मुझे यह बताइए कि वे कौन सी दिशा में गए हैं? टीडा समझ गया कि उसने रास्त ेमें एक खेत में चरते हुए जो बैल देखे थे वे इसी किसान के हैं। लेकिन उसे अपने को पक्का ज्योतिषी सिद्ध करना था, इसलिए उसने अपना फटा पुराना कई वर्षों पहले का एक पंचांग निकाला और उसे देखकर वह हिसाब-सा लगाने लगा। किसान ने समझा जोशीजी पंचांग देखकर उसके बैलों का पता लगा रहे हैं। थोड़ी देर बाद टीडा बोला कि तुम्हारे बैल पश्चिमी दिशा में अमुम खेत में चर रहे हैं। तुम जाकर उनको वहां से ले आओ। किसान ने वैसा ही किया और उसे अपने दोनों बैल मिल गए। किसान की प्रसन्नता का पार नहीं रहा। वह बैल लेकर लौटा और फिर सीधा ज्योतिषी टीडा के पास पहुंचा।
उसने उसकी बहुत प्रशंसा की और दान-दक्षिणा दी। इस घटना में गांव में उसकी बड़ी चर्चा होने लगी। ज्योतिषी टीडा जिस पटेल के यहां ठहरा था, उसने सोचा कि यदि वह वास्तव में सच्चा और बड़ा ज्योतिषी है तो इसकी परीक्षा लेकर देखनी चाहिए। अत: उसने टीडा से पूछा कि यदि तुम्हारा ज्योतिष सच्चा है तो बतलाओ, आज घर में कितनी रोटियां बनी हैं? टीडा ज्योतिषी को और कुछ काम था नहीं, वह तो वहां खाली बैठा समय बिता रहा था। जब घर में रोटियां बन रही थी, तो तवे पर रखने की आवाज से उसने रोटियां गिनली थी। फिर भी हाथ में पंचांग लेकर तथा अंगुलियों पर कुछ गणना का अभिनय करते हुए उसने कहा कि पटेलजी, आज तुम्हारे घर में तेरह रोटियां बनी हैं। रसोईघर में जाकर गिना तो वाकई में तेरह ही रोटियां थी। पटेल को उसके उत्तर से बड़ा आश्चर्य हुआ। अब टीडा ज्योतिषी की कीर्ति सारे गांव में फैलने लगी और बहुत से लोग अपना भविष्य जानने के लिए उसके पास आने लगे। (क्रमश:)