
पुण्योदयम चातुर्मास की तैयारियों में जुटा संघ
जयपुर। जैनाचार्य विजयराज जी म. सा. का 2025 का वर्षाकालीन वर्षावास जयपुर में होगा। साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ जयपुर के संरक्षक प्रदीप गुगलिया ने बताया कि इसकी घोषणा गुरुदेव ने की। जैनाचार्य प्रवर के जयपुर चातुर्मास की घोषणा से संपूर्ण जैन समाज में जबरदस्त उत्साह है। संघ अध्यक्ष महेश दस्साणी ने बताया कि जैनाचार्य विजय गुरुदेव के वर्षावास को लेकर संघ कार्यकर्ता पूरे समर्पण भाव से जुटे हैं। प्रतिदिन चातुर्मास स्थल नवकार भवन में संघ अध्यक्ष के नेतृत्व में बैठक आयोजित कर चातुर्मास कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विभिन्न समितियों का गठन कर उन्हें कार्य भार सौंपा गया है।
प्रभु महावीर के दिव्य संदेशों का जगा रहे हैं अलख
संघ उपाध्यक्ष अशोक श्रीश्रीमाल व कार्यकारी महामंत्री दुर्गेश जैन ने बताया कि संयम सुमेरु जैनाचार्य प्रवर अपना उदयपुर में ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्न कर उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर जिले की ढाणी-ढाणी, गांव-गांव में पैदल विहार कर अहिंसा के अवतार श्रमण भगवान महावीर स्वामी एवम नाना गुरु के दिव्य संदेशों का अलख जगाते हुए जयपुर पधार गए हैं।
आवास एवम प्रवास की जा रही है समुचित व्यवस्थाएं
संघ के पूर्व मंत्री सुनील जैन व विक्रांत मेहता ने बताया कि वर्षावास के पूरे 4 माह के दौरान देश के विभिन्न कोनों से आने वाले श्रद्धालु-श्रावक श्राविकाओं के आवास एवं प्रवास की व्यवस्थाएं संघ द्वारा की जा रही है। इस हेतु जयपुर में विभिन्न सामाजिक धार्मिक संस्था स्थल को बुक किया गया है।
श्रद्धालु लगाएंगे चौका
पूर्व कोषाध्यक्ष शांति कुमार बम्ब ने बताया कि गुरु भगवन के वर्षावास के दौरान श्रद्धालु जयपुर आकर चौका खोलेंगे। श्रद्धालु श्राविकाएं चौके के माध्यम से एक ओर साधु-साध्वियों को गोचरी बहराने का पुण्य कमाएंगे। वहीं, स्वधर्मी भाई-बहनों के आतिथ्य सेवा का लाभ भी उठा पाएंगे।
जैनाचार्य प्रवर सहित 30 साधु-साध्वी आएंगे जयपुर
वरिष्ठतम श्रावक हुक्मीचंद सिंगी ने बताया कि जैनाचार्य के साथ 30 साधु-साध्वियों का भी जयपुर में पदार्पण होगा। पुण्योदयम् चातुर्मास में विद्वान संत विनोद मुनि आदि संत मंडल एवं साध्वी प्रमुखा प्रभावती महाराज, वरिष्ठ साध्वी पदमश्री एवं शासन प्रभाविका नेहा श्री अपनी सहयोगी साध्वियों के साथ जयपुर आएंगे।
नित्य प्रति गूंजेगी जिनवाणी
महिला संघ अध्यक्षा मीना कांकरिया ने बताया कि चार माह में प्रतिदिन गुरुदेव के मुखारविंद से जैन धर्म के विविध विषयों को लेकर जिन वाणी की दिव्य देशना गूंजेगी। श्रद्धालु श्रावक-श्राविकाओं के ज्ञानार्जन की अभिवृद्धि हेतु स्वयं जैनाचार्य नित्य प्रति सूर्योदय के साथ अरिहंत बोधी क्लास के माध्यम से गूढ़ जानकारी देंगे।
वर्षावास मंगल प्रवेश 4 जुलाई को
वरिष्ठ सदस्य अमित चोरडिय़ा ने बताया कि जैनाचार्य प्रवर अपनी शिष्य मंडली के साथ आगामी 4 जुलाई को नवकारसी के बाद सवेरे नगर में भव्य मंगल प्रवेश करेंगे। इस मौके के साक्षी बनने हेतु देश के विभिन्न कौनों से हजारों श्रद्धालु-श्रावक श्राविकाएं जयपुर आएंगे।
यंहा विराजेंगे संत एवं सती मंडल
्रसंस्था उपाध्यक्ष सुनील मेहता ने बताया कि चातुर्मास के दौरान जैनाचार्य 4 माह तिलकनगर स्थित नवकार भवन में एवम साध्वी जी तिलक नगर स्थित नवकार भवन के समीप भवन में प्रवास करेंगे। दिव्य महामांगलिक 3 जुलाई को संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू भाई भुरट एवम राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र जैन ने बताया कि प्रवचन प्रभाकर जैनाचार्य प्रवर चातुर्मास से पूर्व 22 जून से 11 दिवसीय मौन साधना आरंभ करेंगे। गुरु भगवन की मौन साधना 03 जुलाई को पूर्ण होगी इसी दिन सवेरे 10 बजे जैनाचार्य प्रवर अपने मुखारविंद से दिव्य महा मांगलिक प्रदान करेंगे।
चातुर्मास में होंगे ये कार्यक्रम
संघ के महामंत्री नवीन लोढ़ा के अनुसार जैनाचार्य विजयराज जी महाराज के चार्तुमास के दौरान चार माह तक पूज्य गुरुदेव के पावन सानिध्य में विविध कार्यक्रम होंगे। आचार्य प्रवर स्वयं सूर्योदय के पश्चात अरिहंत बोधी क्लास लेंगे तो प्रवचन पाथेय सवेरे 8.45 से 10.15 बजे तक होगा। जिसमें आचार्य प्रवर संत मुनिराजों एवं साध्वियों के प्रवचन होंगे। आगम की वाचनी दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक, दोपहर 3 बजे से गुरुदेव के मुखारविंद से ईश स्तुति लोगस्स के साथ महामांगलिक होगा। सायंकालीन प्रतिक्रमण के बाद केवल श्रावकों हेतु नवकार भवन में जिज्ञासा समाधान एवम तत्व चर्चा होगी। श्राविकाओं के लिए साध्वियों के सान्निध्य में उनके प्रवास स्थल पर जिज्ञासा समाधान एवम तत्व चर्चा होगी।
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