ये 4 आसान टिप्स अपनाने से पास नहीं फटकेगा रक्तचाप

रक्तचाप
रक्तचाप

आज की आधुनिक जीवनशैली की चुनौतियों के बीच, उच्च रक्तचाप एक ऐसी आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है जो कई गंभीर बीमारियों की जड़ है। इसे अक्सर साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते। यह स्थिति हमारे हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी संबंधी परेशानियां और अन्य जटिलताओं का खतरा काफी बढ़ जाता है। बढ़ता तनाव, खराब खानपान की आदतें, और सेडेंटरी लाइफस्टाइल इसका सबसे प्रमुख कारण हैं, जो हमारे रोजमर्रा के जीवन का एक हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि, दवाओं के माध्यम से इसका प्रबंधन किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ ही आप कुछ प्रभावी आसान उपायों का भी पालन कर सकते हैं जो रक्तचाप को स्वाभाविक रूप से नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय न केवल प्राकृतिक और सुरक्षित हैं, बल्कि इन्हें अपनी दिनचर्या में आसानी से अपनाया जा सकता है। आइए इस लेख में ऐसे ही चार घरेलू उपाय के बारे में जानते हैं।

लहसुन का सेवन

लहसुन
लहसुन

लहसुन को ब्लड प्रेशर का प्राकृतिक नियंत्रक माना जाता है। इसमें मौजूद एलिसिन नामक यौगिक रक्त वाहिकाओं को आराम देता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। सुबह खाली पेट 1-2 कच्ची लहसुन की कलियां चबाने या इसे पानी के साथ निगलने से बीपी कंट्रोल में रहता है। आप लहसुन को सब्जी, सूप, या दाल में भी शामिल कर सकते हैं। हालांकि, अगर ऑलरेडी बीपी की दवाइयां खा रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह के बाद ही इस टिप्स का पालन करें।

दही और छाछ

दही और छाछ कैल्शियम, पोटेशियम, और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। पोटेशियम सोडियम के प्रभाव को कम करता है, जिससे बीपी संतुलित रहता है। रोजाना एक कटोरी सादा दही या एक गिलास छाछ (बिना नमक के) पीने से रक्त वाहिकाएं स्वस्थ रहती हैं। छाछ में जीरा या पुदीना मिलाकर पीना और भी फायदेमंद है। यह पाचन को भी सुधारता है।

गहरी सांस और ध्यान

तनाव उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण होता है। प्राणायाम और मेडिटेशन जैसे गहरी सांस लेने के व्यायाम तनाव हार्मोन को कम करते हैं और हृदय गति को सामान्य रखते हैं। ऐसे में आप रोज सुबह 10-15 मिनट अनुलोम-विलोम या भ्रामरी प्राणायाम करें। इसके लिए शांत जगह पर बैठें, आंखें बंद करें, और धीरे-धीरे गहरी सांस लें। यह न केवल बीपी को नियंत्रित करता है, बल्कि इससे आपका दिमाग भी हल्का रहता है।

तुलसी और अदरक का काढ़ा

तुलसी और अदरक दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर हैं। तुलसी में यूजेनॉल होता है, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देता है, जबकि अदरक रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। 5-6 तुलसी के पत्ते, आधा चम्मच कसा हुआ अदरक, और एक कप पानी को उबालकर काढ़ा बनाएं। इसमें थोड़ा शहद मिलाकर दिन में एक बार पिएं। यह काढ़ा बीपी को नियंत्रित करने के साथ-साथ इम्यूनिटी भी बढ़ाता है।

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