
जयपुर। राज्य सरकार ने रविवार देर रात एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 62 अधिकारियों का तबादला कर दिया। लंबे समय से प्रतीक्षित इस फेरबदल सूची में कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिनमें गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी शामिल हैं।
इस सूची में सबसे प्रमुख बदलाव अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर देखने को मिला है। पिछली सरकार के समय से वित्त विभाग संभाल रहे अखिल अरोड़ा को हटाकर अब यह जिम्मेदारी वैभव गालरिया को दी गई है। वहीं, गृह विभाग का जिम्मा आनंद कुमार से लेकर भास्कर आत्माराम सावंत को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े अफसरों की भूमिका में भी बड़ा फेरबदल किया गया है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता को उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग की कमान दी गई है, जबकि इस पद पर कार्यरत अजिताभ शर्मा को ऊर्जा विभाग का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है।
इसी क्रम में राज्य के 10 जिलों के कलक्टर भी बदले गए हैं। भरतपुर में कमर उल जमान चौधरी को नया कलक्टर नियुक्त किया गया है। सवाई माधोपुर में कानाराम, टोंक में कल्पना अग्रवाल, कोटा में पीयूष सामरिया, कोटपूतली-बहरोड़ में प्रियंका गोस्वमी, हनुमानगढ़ में डॉ. खुशाल यादव, राजसमंद में अरुण कुमार हसीजा, ब्यावर में कमल राम मीणा, फलौदी में स्वेता चौहान और डीडवाना-कुचामन में महेन्द्र खड़गावत को कलक्टर की जिम्मेदारी दी गई है। झुंझुनूं में फिलहाल किसी को कलक्टर नियुक्त नहीं किया गया है।
झुंझुनूं कलेक्टर रामावतार मीणा का तबादला विभागीय जांच निदेशक के पद पर कर दिया है। मीणा की जगह अभी किसी को नहीं लगाया है, झुंझुनूं कलेक्टर का पद खाली हो गया है। झुंझुनूं में एसपी का पद पहले से खाली चल रहा है।
इस फेरबदल में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी नई भूमिका दी गई है। सुबोध अग्रवाल को राजस्थान वित्त निगम का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बनाया गया है। अपर्णा अरोड़ा को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का एसीएस बनाया गया है, जबकि कुलदीप रांका को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
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