
नई दिल्ली। नासा के एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा बने भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्पेसक्राफ्ट से पहला संदेश आ गया है। उन्होंने कहा, ‘नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों। काफी साल बाद हम फिर वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। कमाल की सवारी थी। मेरे साथ मेरे कंधे पे मेरा तिरंगा है।’
भारत के लिए यह क्षण 41 साल बाद आया है, जब स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा ने पहली बार हमारे तिरंगे को अंतरिक्ष में ले जाकर संदेश भेजा था, ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा।’
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने कई बार मिशन स्थगित होने के बाद बुधवार को आखिरकार केनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च कर दिया। यह सटीक क्षण तब आया, जब स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर उड़ान भरी।
एक्स-4 क्रू में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष भेजे गए हैं। इस मिशन में शामिल किये गए भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा पर 41 साल बाद जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले सोवियत रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान पर 1984 में भारतीय राकेश शर्मा को भेजा गया था।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की 1978 के बाद से दूसरे पोलिश अंतरिक्ष यात्री हैं। उनके साथ गए टिबोर कापू 1980 के बाद से हंगरी के दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री हैं। अ