
जैसे-जैसे लोगों में फिटनेस को लेकर जागरुकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही नई-नई एक्सरसाइज का चलन भी बढ़ रहा है। आए दिन हमें किसी नई किस्म की एक्सरसाइज तकनीक बारे में पता चलता है, जिससे वजन कम करने में काफी मदद मिल सकती है। ऐसी ही एक एक्सरसाज है नॉर्डिक वॉकिंग। आपको बता दें कि यह तकनीक फिनलैंड में विकसित हुई थी, जो आज पूरी दुनिया में मशहूर हो रही है। वॉक करने का यह तरीका, साधारण वॉकिंग से ज्यादा असरदार और फायदेमंद मानी जाती है। आइए जानते हैं कि नॉर्डिक वॉकिंग कैसे की जाती है और यह सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है। नॉर्डिक वॉकिंग से जल्द बर्न होगी कैलोरी
नॉर्डिक वॉकिंग क्या है?

नॉर्डिक वॉकिंग एक खास तरीके की वॉकिंग है, जिसमें दो पोल यानी छडिय़ों का इस्तेमाल किया जाता है। यह तकनीक स्कीइंग से प्रेरित है, जहां पोल्स का इस्तेमाल बॉडी बैलेंस बनाए रखने और स्पीड बढ़ाने में किया जाता है। नॉर्डिक वॉकिंग में भी इन पोल्स का इस्तेमाल करते हुए चलना होता है, जिससे पैरों के साथ-साथ ऊपरी शरीर की मांसपेशियां भी एक्टिव होती हैं।
नॉर्डिक वॉकिंग के फायदे
नॉर्डिक वॉकिंग सिर्फ पैरों की एक्सरसाइज नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर को फायदा पहुंचाती है, जैसे-पूरे शरीर की कसरत- नॉर्मल वॉकिंग में केवल पैरों और निचले शरीर की मांसपेशियां काम करती हैं, लेकिन नॉर्डिक वॉकिंग में हाथों, कंधों, पीठ और कोर मसल्स का भी इस्तेमाल होता है। इससे शरीर का बैलेंस बेहतर होता है और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।
कैलोरी बर्न करने में मददगार- क्योंकि इस वॉक को करने में पूरे शरीर का इस्तेमाल होता है, इसलिए यह साधारण वॉकिंग की तुलना में 40-50त्न ज्यादा कैलोरी बर्न करती है। इस वजह से यह वजन घटाने के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।
दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक- नॉर्डिक वॉकिंग कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर बनाती है। यह दिल की गति को बढ़ाती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में फायदा होता है।
जोड़ों पर कम दबाव- इस वॉक में पोल्स का सहारा मिलता है, इसलिए घुटनों और कूल्हों पर दबाव कम पड़ता है। इसलिए यह गठिया और जोड़ों के दर्द से पीडि़त लोगों के लिए भी सुरक्षित है।
मेंटल हेल्थ में सुधार- किसी भी तरह की वॉकिंग तनाव कम करने में मदद करती है। नॉर्डिक वॉकिंग करने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है, जिससे मन शांत होता है और खुशी का अहसास होता है।
बेहतर पोश्चर- इस एक्सरसाइज को करते समय शरीर सीधा रखना पड़ता है, जिससे पीठ और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पोश्चर सुधरता है।
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