ये तकनीक अपनाएंगे तो लंबे समय तक खराब नहीं होगा आम का अचार

आम का अचार
आम का अचार

क्या आपको भी याद है दादी-नानी के हाथों का वो जादू, जिससे बना अचार डिब्बे में सालों-साल अपनी खुशबू और स्वाद बरकरार रखता था? जी हां, वो खट्टा-मीठा, चटपटा अचार, जो न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि बचपन की यादों को भी ताजा कर देता है। आजकल बाजार में भले ही कितने भी ब्रांडेड अचार मिल जाएं, लेकिन उस घर जैसे स्वाद और क्वालिटी की बात ही कुछ और है। अक्सर हम शिकायत करते हैं कि हमारा बनाया अचार जल्दी खराब हो जाता है या उसमें वो “दादी-नानी वाला स्वाद” नहीं आता। ऐसे में, आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसी ट्रेडिशनल रेसिपी, जिससे आपका आम का अचार न सिर्फ सालों-साल चलेगा, बल्कि हर निवाले में आपको दादी-नानी के प्यार और उनकी रसोई का वो बेमिसाल स्वाद भी महसूस होगा।

आम का अचार बनाने के लिए सामग्री

आम का अचार
आम का अचार

कच्चे आम: 2 किलो
पीली सरसों/राई दाल: 150 ग्राम
मेथी दाना: 50 ग्राम
सौंफ: 50 ग्राम
कलौंजी: 25 ग्राम
हल्दी पाउडर: 30 ग्राम
लाल मिर्च पाउडर: 50 ग्राम (अपने स्वाद के अनुसार कम या ज्यादा)
हींग: 1 छोटा चम्मच
नमक: 200 ग्राम
सरसों का तेल: 500 मिलीलीटर (इतना कि आम डूबे रहें)
सिरका (ऑप्शनल): 2-3 बड़े चम्मच (अचार को और लंबे समय तक ताजा रखने के लिए)

आम का अचार बनाने की विधि

सबसे पहले आमों को अच्छी तरह धो लें।
अब उन्हें कपड़े से पोंछकर पूरी तरह सुखा लें।
आमों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
आप चाहें तो गुठली निकाल दें या छोटे टुकड़ों में रहने दें।
कटे हुए आमों को एक बड़ी परात में फैलाकर 4-5 घंटे के लिए तेज धूप में सुखा लें।
इससे उनकी नमी निकल जाएगी और अचार खराब नहीं होगा।
मेथी दाना, सौंफ और पीली सरसों/राई को धीमी आंच पर हल्का भून लें, ताकि उनकी नमी निकल जाए और खुशबू बढ़ जाए। इन्हें ज्यादा न भूनें, बस हल्का गरम करें।
भुने हुए मसालों को ठंडा होने दें और फिर दरदरा पीस लें। ध्यान रहे, पाउडर नहीं बनाना है, हल्का दरदरा ही रखना है। कलौंजी को नहीं पीसना है।
एक बड़े बर्तन में सूखे हुए आम के टुकड़े लें।
इसमें पिसे हुए मसाले, कलौंजी, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हींग और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें।
अगर आप सिरका इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे भी इसी समय मिला दें।
सरसों के तेल को एक पैन में तब तक गरम करें जब तक उसमें से हल्का धुआं न उठने लगे।
तेल को पूरी तरह ठंडा होने दें। गर्म तेल अचार में बिल्कुल न डालें, वरना अचार खराब हो जाएगा।
जब तेल पूरी तरह ठंडा हो जाए, तो इसे मसालों और आम के मिश्रण में डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
मसाले और तेल आम पर अच्छी तरह लिपट जाने चाहिए।
अब इस अचार को एक साफ, सूखे और एयरटाइट कांच के जार या बर्नी में भर दें। ध्यान रहे, जार पूरी तरह सूखा होना चाहिए।
जार को अचार से पूरा न भरें, ऊपर से थोड़ी जगह छोड़ दें।
जार का ढक्कन कसकर बंद कर दें और इसे कम से कम 7-10 दिनों के लिए तेज़ धूप में रखें।
रोजाना एक बार जार को हिला दें ताकि तेल और मसाले आम में अच्छी तरह मिल जाएं और अचार समान रूप से पके।
धूप लगाने से आम गलेंगे, मसाले अपना स्वाद छोड़ेंगे और अचार लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा।
एक हफ्ते या दस दिन धूप में रखने के बाद, आपका आम का अचार खाने के लिए तैयार है।
ध्यान रखें कि अचार हमेशा तेल में डूबा रहे। अगर तेल कम लगे, तो थोड़ा और गरम करके ठंडा किया हुआ सरसों का तेल डाल दें।
जब भी अचार निकालें, साफ और सूखे चम्मच का ही इस्तेमाल करें।

दादी-नानी के कुछ खास टिप्स

अचार के लिए हमेशा रेशे वाले और सख्त आम ही चुनें।
अचार बनाते समय हाथों और बर्तनों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। नमी अचार को खराब कर सकती है।
अचार को हमेशा कांच या सिरेमिक के जार में ही रखें। प्लास्टिक के जार से बचें। इसे ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
तेल अचार को हवा और नमी से बचाता है, जिससे वह खराब नहीं होता।

आम का अचार बनाने की विधि

सबसे पहले आमों को अच्छी तरह धो लें।
अब उन्हें कपड़े से पोंछकर पूरी तरह सुखा लें।
आमों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
आप चाहें तो गुठली निकाल दें या छोटे टुकड़ों में रहने दें।
कटे हुए आमों को एक बड़ी परात में फैलाकर 4-5 घंटे के लिए तेज धूप में सुखा लें।
इससे उनकी नमी निकल जाएगी और अचार खराब नहीं होगा।
मेथी दाना, सौंफ और पीली सरसों/राई को धीमी आंच पर हल्का भून लें, ताकि उनकी नमी निकल जाए और खुशबू बढ़ जाए। इन्हें ज्यादा न भूनें, बस हल्का गरम करें।
भुने हुए मसालों को ठंडा होने दें और फिर दरदरा पीस लें। ध्यान रहे, पाउडर नहीं बनाना है, हल्का दरदरा ही रखना है। कलौंजी को नहीं पीसना है।
एक बड़े बर्तन में सूखे हुए आम के टुकड़े लें।
इसमें पिसे हुए मसाले, कलौंजी, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हींग और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें।
अगर आप सिरका इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे भी इसी समय मिला दें।
सरसों के तेल को एक पैन में तब तक गरम करें जब तक उसमें से हल्का धुआं न उठने लगे।
तेल को पूरी तरह ठंडा होने दें। गर्म तेल अचार में बिल्कुल न डालें, वरना अचार खराब हो जाएगा।
जब तेल पूरी तरह ठंडा हो जाए, तो इसे मसालों और आम के मिश्रण में डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
मसाले और तेल आम पर अच्छी तरह लिपट जाने चाहिए।
अब इस अचार को एक साफ, सूखे और एयरटाइट कांच के जार या बर्नी में भर दें। ध्यान रहे, जार पूरी तरह सूखा होना चाहिए।
जार को अचार से पूरा न भरें, ऊपर से थोड़ी जगह छोड़ दें।
जार का ढक्कन कसकर बंद कर दें और इसे कम से कम 7-10 दिनों के लिए तेज़ धूप में रखें।
रोजाना एक बार जार को हिला दें ताकि तेल और मसाले आम में अच्छी तरह मिल जाएं और अचार समान रूप से पके।
धूप लगाने से आम गलेंगे, मसाले अपना स्वाद छोड़ेंगे और अचार लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा।
एक हफ्ते या दस दिन धूप में रखने के बाद, आपका आम का अचार खाने के लिए तैयार है।
ध्यान रखें कि अचार हमेशा तेल में डूबा रहे। अगर तेल कम लगे, तो थोड़ा और गरम करके ठंडा किया हुआ सरसों का तेल डाल दें।
जब भी अचार निकालें, साफ और सूखे चम्मच का ही इस्तेमाल करें।

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