
स्ट्रोक एक गंभीर और जानलेवा समस्या है जिसका खतरा कम उम्र के लोगों में भी देखा जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि साल 2022 में दुनियाभर में 12.2 मिलियन (1.22 करोड़) से ज्यादा स्ट्रोक के नए मामले सामने आए। स्ट्रोक दुनियाभर में मौत और विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। वैश्विक स्तर पर, 25 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 4 में से 1 वयस्क को अपने जीवनकाल में स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। साल 2023 में एक रिपोर्ट में एम्स के न्यूरो-विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में हर साल स्ट्रोक के करीब 1.85 मामले सामने आते हैं। हर चार मिनट में एक व्यक्ति की स्ट्रोक से मौत हो जाती है। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण स्ट्रोक होने का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर अक्सर हाई रहता है उनमें स्ट्रोक और हार्ट अटैक दोनों का खतरा अधिक होता है।
स्ट्रोक की समस्या को जानिए

स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क की किसी नस में ब्लॉकेज हो जाती है या नस फटने के कारण खून का प्रवाह रुक जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। जब मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन और रक्त नहीं मिल पाता, तो उसकी कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में डेड होने लगती हैं, यही स्थिति स्ट्रोक कहलाती है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जो अगर समय रहते ना पहचानी जाए, तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। कई मामलों में स्ट्रोक के कारण विकलांगता का भी खतरा रहता है। मेडिकल रिपोट्र्स के अनुसार, स्ट्रोक के लक्षण अचानक और तीव्र होते हैं, लेकिन कुछ शुरुआती संकेतों पर ध्यान दे दिया जाए तो आप जानलेवा स्थिति से बच सकते हैं।
इन लक्षणों पर दें गंभीरता से ध्यान
स्ट्रोक के समय रहते पहचान के लिए सबसे पहले कुछ लक्षणों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। स्ट्रोक की स्थिति में सिर में बहुत असहनीय दर्द की समस्या हो सकती है, ये इसका सबसे आम लक्षण है। इसके अलावा पीडि़त व्यक्ति भ्रमित हो सकता है, बोलने या किसी की बातों को समझने में कठिनाई हो सकती है। स्ट्रोक होने पर चेहरे, हाथ या पैर सुन्न हो सकते हैं, इनमें कमजोरी या लकवा जैसी समस्या हो सकती है। यदि व्यक्ति अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाने की कोशिश करे तो अक्सर एक हाथ कमजोर होकर नीचे गिरने लगता है। इसमें शारीरिक संतुलन भी बिगड़ जाता है जिससे चलना कठिन हो जाता है।
स्ट्रोक की पहचान के लिए फार्मूला
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानने के लिए एक फार्मूला है- स्न्रस्ञ्ज जिसके माध्यम से आसानी से पता किया जा सकता है कि किसी को स्ट्रोक हुआ है या नहीं। इन चार चीजों की तुरंत जांच करें।
क्या चेहरा एक तरफ झुक गया है?
क्या एक हाथ कमजोर है या गिर रहा है?
क्या बोलने में दिक्कत है?
यदि हां, तो तुरंत आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें।
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