हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश से तबाही, 34 लोग लापता; बचाव अभियान जारी

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शिमला — हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भीषण बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य को गंभीर प्राकृतिक आपदा की स्थिति में डाल दिया है। बीते 24 घंटों में भारी भूस्खलन और फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 34 लोग अब भी लापता हैं।

मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित
मंडी जिले में मंगलवार को 16 बादल फटने और तीन फ्लैश फ्लड की घटनाएं दर्ज की गईं। इन घटनाओं में: एक पुल पूरी तरह बह गया, 24 मकानों को भारी नुकसान पहुँचा, और एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को भी क्षति हुई।

बचाव दल ने बुधवार को दूसरे दिन भी राहत एवं तलाशी अभियान जारी रखा। लापता लोगों के बचने की उम्मीदें लगातार कम होती जा रही हैं, जिससे आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। अब तक सैकड़ों लोगों को किया गया रेस्क्यू प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं। अब तक: मंडी से 316 लोग, हमीरपुर से 51 लोग, और चंबा से 3 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

मौसम विभाग का अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी 7 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रह सकती है। 2 से 7 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इससे हालात और बिगड़ने की आशंका है।

बाढ़ का खतरा और सड़कें बंद
पंडोह बांध से छोड़े गए करीब 2 लाख क्यूसेक पानी के चलते पंडोह बाजार और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। मंडी की ‘ज्यूनी खड्ड’ खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे स्थानीय लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। 406 सड़कों पर यातायात पूरी तरह बंद है, जिनमें मंडी (248), कांगड़ा (55), कुल्लू (37), शिमला (32), सिरमौर (21) सहित अन्य जिले शामिल हैं।

सरकारी सतर्कता और राहत प्रयास
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर लगातार हालात की निगरानी कर रहा है और प्रभावित जिलों में आवश्यक आपूर्ति, चिकित्सा सहायता और अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।

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