
नई दिल्ल। तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे प्रमुख नेता हैं और विश्व स्तर पर शांति और करुणा के प्रतीक माने जाने वाले 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो 90 वर्ष के हो चुके है। भारत के धर्मशाला में रहते हैं। अब उनके उत्तराधिकारी की चर्चा शुरु हो गई है। इस मामले में अब भारत सरकार ने इस मामले में बयान दिया है। अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले दलाई लामा पर निर्णय सिर्फ और सिर्फ स्थापित संस्था व दलाई लामा लेंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले में कोई और शामिल नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “और दलाई लामा को मानने वाले सभी लोगों की राय है कि उत्तराधिकारी का फैसला स्थापित परंपरा के और दलाई लामा की इच्छा के अनुसार होना चाहिए। उनके और मौजूदा परंपराओं के अलावा किसी और को इसे तय करने का अधिकार नहीं है। बौद्ध धर्म के अनुयायी रिजिजू इन दिनों धर्मशाला में हैं, जहां वह केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के साथ दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के समारोहों में भारत सरकार के प्रतिनिधियों के रूप में भाग ले रहे हैं।
दलाई लामा की मान्यता की प्रक्रिया पूरी तरह ट्रस्ट के सदस्यों की जिम्मेदारी होगी।चीन लगातार यह दावा करता रहा है कि दलाई लामा का पुनर्जन्म उसकी अनुमति और नियंत्रण में ही होना चाहिए। बीजिंग का यह दावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का विषय रहा है। हाल ही में