रामायण से चांद तक: त्रिनिदाद में पीएम मोदी ने भारतीय विरासत और अंतरिक्ष विजन का किया उल्लेख

पीएम मोदी
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पोर्ट ऑफ स्पेन। पीएम मोदी ने अपनी पांच देशों की विदेश यात्रा के दूसरे चरण में त्रिनिदाद और टोबैगो का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां बसे भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों पर विस्तार से बात की। पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में रह रही भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड देने की घोषणा भी की।

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अपने भाषण में पीएम मोदी ने रामायण, महाकुंभ, अयोध्या में राम मंदिर, और त्रिनिदाद की रामलीलाओं का भावनात्मक उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “आप सिर्फ खून या उपनाम से नहीं, बल्कि अपनेपन से भारत से जुड़े हैं।” उन्होंने श्रीरामचरितमानस की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए प्रवासी भारतीयों को भारत की सभ्यता के “दूत” बताया।

पीएम मोदी ने भारत की वैज्ञानिक प्रगति की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि “अब वो दिन दूर नहीं जब कोई भारतीय चंद्रमा पर पहुंचेगा। हमारे पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा। अब ‘चंदा मामा’ दूर नहीं हैं।”

प्रधानमंत्री ने बिहार की गौरवशाली परंपरा की चर्चा करते हुए कहा कि “बिहार ने लोकतंत्र, राजनीति, कूटनीति और शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया को दिशा दी है। आने वाले समय में भी यह भूमि नई प्रेरणाओं का स्रोत बनेगी।”

उन्होंने त्रिनिदाद की पूर्व प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को “बिहार की बेटी” बताया और बताया कि उनके पूर्वज भारत के बक्सर जिले से थे।

मोदी ने अयोध्या में रामलला की वापसी, त्रिनिदाद में मनाए जाने वाले नवरात्रि, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, और वहां की सड़कों के भारतीय नामों जैसे पटना, बनारस, दिल्ली का उल्लेख करते हुए भारत और त्रिनिदाद के सांस्कृतिक संबंधों को गौरवपूर्ण बताया।

अंत में उन्होंने 25 साल पहले की अपनी त्रिनिदाद यात्रा को याद करते हुए कहा कि “तब ब्रायन लारा थे, अब निकोलस पूरन हैं – लेकिन हमारी दोस्ती उतनी ही मजबूत है।”

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