दावा: कोविड वैक्सीन ने हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाया नहीं बल्कि कम किया है

कोविड वैक्सीन
कोविड वैक्सीन

पढि़ए डॉक्टर का ये दावा

हृदय रोग और हार्ट अटैक के बढ़ते मामले वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। वल्र्ड हार्ट फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में हार्ट अटैक सहित हृदय संबंधी रोगों (सीवीडी) के कारण दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। अकेले इसी साल 20.5 मिलियन (दो करोड़) से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि कोरोना महामारी के बाद से हृदय रोग के मामलों और हार्ट अटैक की दर काफी बढ़ गई है। महामारी के बाद के कई अध्ययनों में इस बात का जिक्र मिलता है कि कोरोना संक्रमण का शिकार रहे अधिकतर लोगों में हार्ट अटैक के जोखिम अधिक देखे जा रहे हैं। कुछ रिपोट्र्स में चिंता जताई गई थी कि कोविड वैक्सीनेशन के कारण ये खतरा और भी बढ़ गया है। इस संबंध में बुधवार (2 जुलाई) को स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि अचानक हो रहीं मौतों की देश की विभिन्न एजेंसियों ने जांच की है और जांच में पाया गया है कि इनका कोरोना वैक्सीन से कोई सीधा संबंध नहीं हैं। आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने भी अपने अध्ययन में इसकी पुष्टि की है। दावा: कोविड वैक्सीन ने हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाया नहीं बल्कि कम किया है

क्या कहते हैं हृदय रोग विशेषज्ञ?

विशेषज्ञ
विशेषज्ञ

कोविड वैक्सीन न सिर्फ हानिरहित है बल्कि सुरक्षात्मक भूमिका भी निभाती है। डॉ. कहते हैं, हमने कोविड वैक्सीन लगवाने वाले और न लगवाने वाले 1,600 हार्ट अटैक के मरीजों पर अध्ययन किया। हमने पाया कि जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन लगवाई है, उनमें न केवल हार्ट अटैक बल्कि सभी कारणों से अचानक मृत्यु की आशंका कम थी। इतना ही नहीं 30 दिनों से लेकर 6 महीने तक वैक्सीन लगवाने वाले लोगों पर नजर रखी गई, जिसमें पाया गया कि हृदय संबंधित समस्याओं के कारण ऐसे लोगों में मृत्यु का खतरा कम देखा गया।

वैक्सीनेशन ने कम किया मौत का खतरा

डॉ. कहते हैं, कोविड-19 वैक्सीन हानिरहित है और कई समस्याओं में सुरक्षात्मक भूमिका भी निभाती है। यह अध्ययन केवल हमारा नहीं है, आईसीएमआर ने भी इसकी पुष्टि की है। हमारे अध्ययन में, हमने कोविड की दोनों वैक्सीन (कोवैक्सिन और कोविशील्ड) के लिए समान परिणाम देखे हैं। कई देशों में भी लाखों लोगों पर किए गए अध्ययनों से भी पता चलता है कि कोविड-19 वैक्सीन के कारण हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर नहीं हुआ है। हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के लिए कई अन्य प्रकार के कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने क्या कहा था?

डॉक्टर ने तो हार्ट वैक्सीनेशन और हार्ट अटैक के बीच संबंधों को साफ तौर पर खारिज कर दिया है। हालांकि जून 2024 में वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया था कि वैक्सीनेशन के कारण दुर्लभ मामलों में रक्त के थक्के बनने और हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। इसके बाद से टीकों की प्रभाविकता को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे थे।

अध्ययन की रिपोर्ट

पीर रिव्यू्ड जर्नल बीएमजे पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित शोध में अध्ययनकर्ताओं ने बताया था कि कोविड-19 टीकों के कारण महामारी के बाद से मौतों में वृद्धि हुई है। 47 पश्चिमी देशों में मृत्यु के आंकड़ों के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर व्यापक उपायों के बावजूद साल 2020 से वैश्विक स्तर पर मृत्यु दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। न्यूयॉर्क पोस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, नीदरलैंड की व्रीजे यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया कि चिकित्सा पेशेवरों और नागरिकों दोनों में टीकाकरण के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और अतिरिक्त मौत के मामले देखे गए।

अस्वीकरण : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य विषय विशेषज्ञ , पद्धति आदि राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें। जलतेदीप इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

यह भी पढ़ें : रामायण से चांद तक: त्रिनिदाद में पीएम मोदी ने भारतीय विरासत और अंतरिक्ष विजन का किया उल्लेख