
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ताजा बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मदन राठौड़ ने कहा कि गहलोत आज जो सलाह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दे रहे हैं, उन्हें पहले स्वयं के शासनकाल में उन पर अमल करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर गहलोत ने समय रहते अपनी कथित नीतियों पर अमल किया होता, तो न कांग्रेस की सरकार बदनाम होती और न ही वे स्वयं मुख्यमंत्री की कुर्सी से बेदखल होते। मदन राठौड़ ने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए इंटेलिजेंस विभाग का उपयोग जनहित के बजाय राजनीतिक विरोधियों की जासूसी और अपनी कुर्सी बचाने के लिए किया था।
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के समय नेताओं की फोन टेपिंग और उनके खिलाफ अंदरखाने चल रही साजिशों के प्रमाण जगजाहिर हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रति गहलोत की ‘हमदर्दी’ पर कटाक्ष करते हुए राठौड़ ने कहा कि गहलोत द्वारा बार-बार “पंडित” शब्द का प्रयोग करना यह दर्शाता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री की विद्वता और जनसेवा को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि “पंडित” शब्द विद्वता का प्रतीक है और यह अच्छा संकेत है कि विपक्ष भी अब मुख्यमंत्री के ज्ञान को मान्यता देने लगा है। राठौड़ ने गहलोत को बजरी माफिया का जनक बताते हुए कहा कि यह माफिया कांग्रेस सरकार की देन है। जबकि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही बजरी खनन की लंबित प्रक्रियाओं को पूरा कर न सिर्फ रोजगार के अवसर पैदा किए, बल्कि राजस्व बढ़ाने का भी कार्य किया है।
बजरी माफियाओं पर नियंत्रण की दिशा में सख्त कदम उठाए गए हैं। मदन राठौड़ ने कांग्रेस नेता गहलोत और डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा कि “भाजपा की चिंता छोड़ें और अपने घर संभालें, जहां उनके खुद के अनुसार नकारा और निकम्मे लोग भरे हैं।” उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और संगठन मिलकर पूरे समर्पण भाव से जनता की सेवा में लगे हुए हैं, और इसका प्रमाण हाल के उपचुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा को मिली जीत है। उन्होंने अंत में कहा — “भजनलाल है तो भरोसा है।”
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