कान में पानी जाना ठीक नहीं, लापरवाही बरती तो जाएगा इंफेक्शन

कान में पानी
कान में पानी

नहाते समय या पानी में तैरते समय कान में पानी जाना एक आम समस्या है, जिससे हम सभी कभी न कभी दो-चार होते हैं। यह भले ही एक छोटी सी घटना लगे, पर अक्सर यही छोटी सी चीज बाद में बड़ी परेशानी का कारण बन जाती है। जब पानी कान के अंदर फंस जाता है, तो वहां नमी बनी रहती है। यह नमी बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है, जिससे कान में इंफेक्शन होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कान के इस इंफेक्शन के कारण कान में तेज दर्द, सूजन और यहां तक कि सुनने में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर इस पर तुरंत ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि जब कान में पानी चला जाए तो हमें क्या करना चाहिए ताकि संक्रमण से बचा जा सके और सबसे महत्वपूर्ण इसे होने से पहले ही कैसे रोका जाए। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं। कान में पानी जाना ठीक नहीं, लापरवाही बरती तो जाएगा इंफेक्शन

लक्षण और खतरे

कान में पानी
कान में पानी

जब पानी कान में फंस जाता है, तो आपको कान में भारीपन, खुजली, हल्का दर्द या सुनाई कम देना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। अगर पानी को निकाला नहीं जाता, तो यह बाहरी कान में इंफेक्शन का कारण बन सकता है। लक्षण बिगडऩे पर बुखार, मवाद या गंभीर दर्द हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में यह इंफेक्शन तेजी से फैल सकता है। गंभीर मामलों में क्रोनिक ओटिटिस या सुनने की स्थायी क्षति का जोखिम भी रहता है।

पानी निकालने के उपाय

कान में पानी फंसने पर कुछ सरल उपाय तुरंत आजमाए जा सकते हैं। जिस कान में पानी गया है उस कान की ओर सिर झुकाकर हल्के झटके दें, इससे पानी बाहर निकल सकता है। कम तापमान पर हेयर ड्रायर को 10-12 इंच दूर रखकर हल्की गर्म हवा चलाएं, जो पानी को वाष्पीकृत कर देता है। हथेली से कान पर वैक्यूम बनाकर हल्का दबाव देना और छोडऩा भी प्रभावी है।

बचाव की सावधानियां

नहाते या तैरते समय वाटरप्रूफ ईयरप्लग का उपयोग करें। नहाने के बाद तौलिये से बाहरी कान को धीरे-धीरे सुखाएं। कॉटन बड या नुकीली चीजों से कान साफ करने से बचें, क्योंकि यह त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। तैराकी के लिए स्वच्छ पूल चुनें और मानसून में गंदे पानी से बचें।

चिकित्सीय सलाह

अगर पानी निकालने के बाद भी दर्द, खुजली या सुनने में कमी बनी रहे, तो तुरंत श्वहृञ्ज विशेषज्ञ से संपर्क करें। कान की जांच से इंफेक्शन का पता चल सकता है। एंटीबायोटिक ड्रॉप्स या दवाएं इंफेक्शन को ठीक कर सकती हैं। कान की देखभाल को हल्के में न लें, क्योंकि सही समय पर उपाय न करने से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।

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