मुंबई। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के तेवर अब और आक्रमक हो गए हैं। पार्टी सुप्रीमो प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि ‘ठाकरे’ एक ब्रांड नहीं बल्कि महाराष्ट्र, मराठी मानुष और हिंदू अस्मिता की पहचान है। उन्होंने शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ठाकरे ब्रांड की चोरी कर रहे हैं और खुद को इसका भक्त बताकर अपना महत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
उद्धव ने कहा कि ठाकरे का मतलब ही संघर्ष है और कोई यह नाम, लोगों का प्यार या विश्वास नहीं चुरा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे गुट ठाकरे ब्रांड की चोरी कर रहा है। उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘ठाकरे महज एक ब्रांड नहीं है। कुछ लोगों ने इस पहचान को मिटाने की कोशिश की है। कई लोग ऐसा करने आए और वे नष्ट हो गए।’
उद्धव ने कहा कि चुनाव आयोग एक पत्थर है और वो ‘शिवसेना’ नाम किसी और को नहीं दे सकता। अंत में ठाकरे ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जबरन भाषा नीति लागू करने की कोशिश की तो इसका कड़ा विरोध होगा। बता दें एकनाथ शिंदे और पार्टी के 39 विधायकों की बगावत के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी, जिसके चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।
इसके बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले शिंदे मुख्यमंत्री बने थे। उद्धव ठाकरे ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जिन लोगों ने 100 साल पूरे करने के बावजूद कुछ भी नहीं बनाया या किसी भी क्षेत्र में कोई उदाहरण पेश नहीं किया, उन्होंने ठाकरे ब्रांड चुराना शुरू कर दिया है।’