
- नो योर विटामिन्स, नो योर वाइटेलिटी‘‘ विषय पर फेसबुक पेज पर लाईव सैशन का आयोजन
- भारतीयों की सामान्य वेज और नॉन-वेज थाली में नहीं होते पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स एवं मिनरल्स‘
जयपुर। भारत में सामान्य रूप से प्रतिदिन ली जाने वाली वेज और नॉन-वेज थाली में पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स एवं मिनरल्स नहीं होते। इनकी पूर्ति के लिए हमारी भोजन की थाली में फलों और सब्ज़ियों की मात्रा बढाने की आवश्यकता है। विटामिन्स की कमी से मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे इन्फेक्शन होने की सम्भावना बढ जाती है।
इसके साथ ही अधिक मात्रा में फेट सोल्यूबल विटामिन्स लेना हानिकारक हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से उचित सलाह लेना बेहद आवश्यक है। यह कहना था जयपुर स्थित एसएमएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं यूनिट हेड, डॉ. पुनीत सक्सेना का। डॉ. सक्सेना रविवार को ‘नो योर विटामिन्स, नो योर वाइटेलिटी‘‘ विषय पर फेसबुक पेज पर रविवार को आयोजित लाईव सैशन में संबोधित कर रहे थे।
कोविड-19 के बाद वर्ष 2020 को ‘ईयर ऑफ अवेयरनेस फॉर साइंस एंड हैल्थ कम्युनिकशन (YASH) घोषित किया गया है
कोविड-19 के बाद वर्ष 2020 को ‘ईयर ऑफ अवेयरनेस फॉर साइंस एंड हैल्थ कम्युनिकशन (YASH) घोषित किया गया है, जिसके तहत राजस्थान सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आईएएस लिटरेरी सोसाइटी के सहयोग से ‘हैल्थ अवेयरनेस सीरीज’ का आयोजन किया जा रहा है।
यह सेशन इस सीरीज के तहत आयोजित लाइव सेशंस का दूसरा एडिशन था। सेशंन का संचालन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की शासन सचिव और आईएएस लिटरेरी सोसायटी, राजस्थान की साहित्यिक सचिव, मुग्धा सिन्हा ने किया। इस अवसर पर सिन्हा ने कहा कि कोविड महामारी के समय हमारे मेटाबोलिज्म एवं इम्युनिटी को बढ़ा़ने की बेहद आवश्यकता है और इसमें विटामिन्स की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
डॉ पुनीत ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मेक्रोन्यूट्रिएंटस् और माइक्रोन्यूट्रिएंटस्, उनके महत्त्व, सोर्स, भोजन में इनकी उचित मात्रा एवं इनकी कमी से होने वाले लक्षणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विटामिन्स एवं मिनरल्स माइक्रोन्यूट्रिएंटस् की श्रेणी में आते है।
अधिकांश विटामिन्स की पूर्ति शरीर बाहर से करता है और इन्हें संतुलित मात्रा में लेना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि शाकाहारी भोजन में विटामिन बी की कमी अक्सर देखने को मिलती है जिसे नट्स एवं मिल्क प्रोडक्ट से दूर किया जा सकता है। इसी तरह से डायबेटिक और हाई ब्लड प्रेशर की दवाई लेने वाले लोगों में विटामिन्स के अवशोषण की क्षमता कम हो जाती है, जिसका विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
सैशन के अंत में डॉ पुनीत द्वारा दर्शकों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के जवाब भी दिए।