जैसलमेर। राजस्थान में स्कूलों की जर्जर इमारतें बच्चों की जान पर बन आई हैं। झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत के महज कुछ दिनों बाद जैसलमेर के पूनमनगर में सोमवार को सरकारी स्कूल का मैन गेट गिरने से 9 वर्षीय छात्र अरबाज खान की मौत हो गई। हादसे में एक शिक्षक भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
हादसे के बाद गहलोत का हमला – “भाजपा सरकार की लापरवाही से हो रही मासूमों की मौत”
जैसलमेर में स्कूल का गेट गिरने से एक मासूम छात्र की मृत्यु बेहद दुखद है। झालावाड़ दुखांतिका के बाद इस प्रकार से एक बार फिर एक छात्र की मृत्यु होना प्रदेश सरकार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
अभी बारिश का मौसम चल रहा है। मुख्यमंत्री @BhajanlalBjp जी से मेरा आग्रह है कि शीघ्रता…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 28, 2025
दोपहर करीब 1 बजे स्कूल की छुट्टी के समय जब बच्चे बाहर निकल रहे थे, तभी मुख्य गेट और पत्थर की दीवार अचानक गिर गई। अरबाज खान, जो पहली कक्षा में पढ़ता था, गेट की चपेट में आ गया। उसे मौके पर ही मौत हो गई। एक शिक्षक गंभीर रूप से घायल हुआ है और उसे जवाहिर अस्पताल रेफर किया गया।
परिजन और ग्रामीणों ने बच्चे के शव के साथ स्कूल के बाहर धरना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि स्कूल का गेट कई महीनों से जर्जर था, लेकिन उसकी मरम्मत नहीं करवाई गई। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
घटना विधायक छोटू सिंह भाटी के पैतृक गांव में हुई। पुलिस, एसडीएम सक्षम गोयल, तहसीलदार महावीर प्रसाद और विधायक स्वयं मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया।
25 जुलाई को झालावाड़ के पिपलोदी गांव में भी सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी और 28 घायल हुए थे। लगातार बारिश के कारण बच्चों को एक कमरे में बैठाया गया था, जहां अचानक छत गिर गई थी।
लगातार हो रही इन घटनाओं ने राज्य में शिक्षा ढांचे की जर्जर हालत और प्रशासनिक अनदेखी को उजागर कर दिया है। गहलोत समेत कई विपक्षी नेताओं ने सरकार से जवाबदेही तय करने और ठोस कार्रवाई की मांग की है।
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