नई दिल्ली/बटुमी। भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए फिडे महिला शतरंज विश्व कप 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया। 19 वर्षीय दिव्या ने जॉर्जिया के बटुमी में खेले गए फाइनल में अपनी हमवतन और अनुभवी खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक के दूसरे रैपिड गेम में मात दी। यह दिव्या के करियर की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
फाइनल के पहले गेम में ड्रॉ के बाद दूसरे रैपिड गेम में दिव्या ने काले मोहरों से खेलते हुए हम्पी की रणनीतिक चूक का फायदा उठाया। 54वीं चाल पर हम्पी के …Rxf4 चलने के बाद दिव्या के प्यादे को प्रमोशन की दिशा खुल गई और उन्होंने धीरे-धीरे खेल पर पूरी पकड़ बना ली।
हालांकि 67वीं चाल पर दिव्या की f5 की चूक से हम्पी को वापसी का मौका मिला, लेकिन समय दबाव और रणनीतिक गलतियों के चलते हम्पी ने गेम पर नियंत्रण खो दिया और 75वीं चाल पर हार मान ली।
दिव्या देशमुख अब फिडे महिला विश्व कप जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बन गई हैं। इससे पहले कोनेरू हम्पी ने भारत को अंतरराष्ट्रीय महिला शतरंज में पहचान दिलाई थी। अब दिव्या ने उसी हम्पी को हराकर नई पीढ़ी की चमकदार शुरुआत दर्ज कर दी है।
दिव्या देशमुख को विजेता के तौर पर $50,000 (लगभग ₹41.6 लाख) की इनामी राशि मिली। कोनेरू हम्पी को उपविजेता के तौर पर $35,000 (लगभग ₹29.1 लाख) मिले। टूर्नामेंट में दिव्या ने लगातार चार ग्रैंडमास्टर्स को हराकर यह खिताब जीता — जिनमें शामिल हैं: झू जिनर (चीन) – प्री-क्वार्टर डी. हरिका (भारत) – क्वार्टरफाइनल तान झोंगयी (चीन) – सेमीफाइनल कोनेरू हम्पी (भारत) – फाइनल
दिव्या देशमुख की यह जीत भारतीय शतरंज के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा लेकर आई है। वह अब विश्व चैंपियन बनने की दौड़ में और भी मजबूती से शामिल हो चुकी हैं। पूरे देश को उनकी अगली चाल का इंतजार रहेगा।
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