साख पर सवाल उठाने वालों के खिलाफ धोनी पहुंचे कोर्ट, जिरह में रहेंगे मौजूद

चेन्न्ई। कैप्मन कूल हेंद्र सिंह धोनी ने अपने ऊपर लगे आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के मामले में एक मशहूर पत्रकार, दो बड़े मीडिया संस्थानों और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दायर किया था। इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने सुनवाई शुरू करने के आदेश दिए हैं।

धोनी के सेलिब्रिटी स्टेटस को देखते हुए कोर्ट ने एक अधिवक्ता आयुक्त (Advocate Commissioner) नियुक्त किया है जो चेन्नई में सभी पक्षों की मौजूदगी में धोनी के सबूतों को दर्ज करेगा। धोनी ने बताया है कि वह 20 अक्टूबर 2025 से 10 दिसंबर 2025 के बीच जिरह के लिए उपलब्ध रहेंगे।

यह मामला 2014 से लंबित था, जिसमें अब जाकर कार्रवाई शुरू हुई है। 2013 में हुए आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में एस. श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण जैसे खिलाड़ी शामिल थे। इस मामले के बाद चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो साल के लिए आईपीएल से बैन कर दिया गया था।

मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में इस मामले में मुकदमे का आदेश दिया है और एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया है। यह कमिश्नर धोनी का बयान और सबूत दर्ज करेगा।

मुख्य बातें:

मामले की पृष्ठभूमि: 2013 के आईपीएल सट्टेबाजी कांड के दौरान एक टीवी बहस में धोनी के खिलाफ कथित तौर पर मानहानिकारक टिप्पणियां की गई थीं।

मुकदमे का आधार: धोनी का आरोप है कि इन टिप्पणियों से उनकी छवि को बहुत नुकसान पहुंचा है।

मौजूदा स्थिति: मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले में तेजी लाने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया है, जो धोनी का बयान रिकॉर्ड करेगा।

यह मुकदमा एक दशक से अधिक समय से लंबित था। अब इस पर सुनवाई आगे बढ़ रही है। 2013 का आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग कांड क्रिकेट जगत में एक बड़ा विवाद था, जिसके कारण दो टीमों, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स, को दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।