उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का फोलोअप व समुचित उपचार प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
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जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता की दिशा में पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। राज्य स्तर से प्रत्येक मंगलवार को विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. अमित यादव ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से साप्ताहिक बैठक लेकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, आशा कार्यक्रम, परिवार नियोजन सहित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मिशन निदेशक ने प्रदेश में उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार जांच सेवाएं उपलब्ध करवाने में परिवहन के लिए 104 जननी एक्सप्रेस के सदुपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का फॉलोअप करें ताकि उनका आगामी उपचार प्रबंधन समुचित हो सके। साथ ही, उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का समय पर शत प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को आगामी 15 दिवस में आवश्यक प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि एनीमिक महिलाओं के लिए फेरिक कार्बोक्सी माल्टोज इंजेक्शन सेवाएं संचालित की जा रही हैं। नियमानुसार कम हीमोग्लोबिन वाली महिलाओं को यह इंजेक्शन लगाए जाएं।

मातृ मृत्यु के कारणों की समीक्षा आवश्यक

डॉ. यादव ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा कि मेटरनल डेथ सर्विलांस एंड रेस्पांस के तहत गहन समीक्षा किया जाना आवश्यक है ताकि मातृ मृत्यु के कारणों का पता लगाया सके। इससे समय रहते उन कारणों का समुचित प्रबंधन कर भविष्य में होने वाली मृत्यु को रोका जा सकेगा।

आशा क्लेम फॉर्म सबमिशन की समीक्षा करें

मिशन निदेशक ने कहा कि प्रदेश में 54 हजार से अधिक आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं जो गांव-ढाणी में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी व मोबिलाइजेशन में एक महत्वपूर्ण कार्यकर्ता है। उन्होंने आशा द्वारा उनके किए गए कार्यों के आधार पर सबमिट किए जाने वाले मासिक क्लेम फॉर्म के सबमिशन की समीक्षा पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो आशाएं अपने क्लेम फॉर्म सबमिट नहीं करती हैं या कार्य नहीं कर पा रही हैं, उनके लिए ब्लॉक या सेक्टर स्तर पर नियमत रूप से समीक्षा बैठक आयोजित करें। इसी से समग्र रूप में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सूचकांकों में सुधार परिलक्षित हो पाएगा।

अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. टी. शुभमंगला ने गर्भवती महिलाओं का समय पर रजिस्ट्रेशन, गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच करवाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने प्रसव पूर्व चार जांच के डेटा को भी समय पर अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने आदिवासी इलाकों में संस्थागत प्रसव पर विशेष फोकस करने तथा संस्थागत प्रसव के मामले में कम प्रगति वाले वाले क्षेत्रों में अधिक प्रयास व सघन मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। बैठक में निदेशक आरसीएच डॉ. मधु रतेश्वर, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. सुशील परमार, संबंधित कार्यक्रमों के परियोजना निदेशक एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। वीसी के माध्यम से संयुक्त निदेशक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आरसीएचओ एवं संबंधित अधिकारीगण जुड़े।

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