दिल्ली में किरोड़ी का जादू : कई केंद्रीय मंत्रियों से उच्च-स्तरीय मुलाकात कर किसान हित में सुधार पर की चर्चा

नीति विशेषज्ञ संजय सिंघवी के साथ रहे दो दिवसीय दिल्ली दौरे

जयपुर। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, अपने नीति विशेषज्ञ संजय सिंघवी के साथ दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से उच्च-स्तरीय मुलाकात कर किसान हित में सुधार और अंतर-मंत्रालयीय समन्वय पर विचार-विमर्श किया। सिंघवी ने एक नीति विशेषज्ञ के रूप में डॉ. मीणा की दृष्टि के अनुरूप विस्तृत प्रस्तुति तैयार की, जिसमें राज्य की प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय आकांक्षाओं का समावेश किया गया। मंत्री किरोड़ी और संजय सिंघवी ने भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सीआर पाटिल, केंद्रीय मंत्री, जल शक्ति, जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री, रसायन एवं उर्वरक तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री, हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय मंत्री, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवास एवं शहरी कार्य, नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री, सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग, मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी कार्य तथा विद्युत से मुलाकात की। प्रत्येक बैठक में डॉ. मीणा ने एक व्यापक योजना प्रस्तुत की, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसानों के लिए रखे गए दृष्टिकोण को व्यवहार में उतारा जा सके।

दिल्ली में किरोड़ी का जादू : कई केंद्रीय मंत्रियों से उच्च-स्तरीय मुलाकात कर किसान हित में सुधार पर की चर्चा

पीएम मोदी के 15 अगस्त को किसानों के हित में रखे गए दृष्टिकोण को आत्मसात करने में जुटे किरोड़ी लाल मीणा

स्वदेशी उर्वरकों का हब – राजस्थान
राजस्थान में उपलब्ध जिप्सम, रॉक फॉस्फेट और पोटाश जैसे खनिजों के आधार पर राज्य को स्वदेशी उर्वरक उत्पादन का राष्ट्रीय केंद्र बनाया जा सकता है। इससे आयात पर निर्भरता घटेगी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बल मिलेगा।
वन नेशन – वन पॉलिसी ऑन ट्रीटेड वाटर
सिंचाई व बागवानी के लिए शोधित जल (ट्रीटेड वॉटर) के पुन: उपयोग हेतु एक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग की गई। राजस्थान में लगभग 65 प्रतिशत कृषि वर्षा पर निर्भर है, ऐसे में कृषि विभाग को इस नीति का नोडल विभाग बनाया जाना आवश्यक है।
मिलावटी कृषि इनपुट्स के विरुद्ध अभियान
मिलावटी उर्वरकों व नकली बीजों के विरुद्ध कड़ा अभियान और नए सख्त कानून लागू करना आवश्यक है, ताकि किसानों का विश्वास बहाल हो सके।
नई इनक्यूबेशन इकाइयाँ नहीं – पीपीपी मॉडल
राजस्थान नई राज्य-स्तरीय इनक्यूबेशन इकाइयाँ नहीं बनाएगा। इसके बजाय, पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के माध्यम से कृषि अनुसंधान को सीधे बाज़ार तक पहुंचाया जाएगा।
इसी क्रम में, हरदीप सिंह पुरी से भेंट में डॉ. मीणा ने तेल एवं गैस कंपनियों से सीएसआर फंडिंग द्वारा राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन यूनिट्स को सहयोग दिलाने का अनुरोध किया।
लागत-लाभ व दीर्घकालिक प्रभाव
उत्पादन क्षमता में 2 गुना तक वृद्धि, जैसा प्रधानमंत्री का सपना है।
मिट्टी की गुणवत्ता और फसलों का स्थायी स्वास्थ्य।
जल सुरक्षा और अनुसंधान आधारित कृषि उपायों से किसानों की जलवायु परिवर्तन के प्रति मजबूती।

दिल्ली बैठकों से अन्य परिणाम

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा

बायोफ्यूल्स और जैविक खेती
नितिन गडकरी के साथ बैठक में कृषि अवशेषों से बायोफ्यूल उत्पादन और लॉजिस्टिक्स सुधार के माध्यम से प्राकृतिक/जैविक खेती को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।
शहरी शोधित जल का उपयोग
मनोहर लाल खट्टर से वार्ता में यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि शहरी क्षेत्रों से निकले शोधित जल को बागवानी और उप-शहरी कृषि में प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए।
मिलावट पर राष्ट्रीय समर्थन
जेपी नड्डा ने राजस्थान में चल रहे मिलावट विरोधी अभियान की सराहना की और इसे जारी रखने का आग्रह किया, साथ ही पूर्ण केंद्रीय सहयोग का आश्वासन दिया।
नकली बीजों पर कार्रवाई
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को नकली बीजों की समस्या से अवगत कराया गया। उन्होंने सभी दोषी लाइसेंसों को रद्द करने तथा आगामी नए कानून लागू होने तक सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

एक ऐतिहासिक पहला कदम

नेशन फ़स्‍ट्‌ की भावना में, राजस्थान ने प्रधानमंत्री के आह्वान के प्रत्युत्तर में एक संपूर्ण और ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाला देश का पहला राज्य बनकर मिसाल कायम की है।
यह पहल किसानों की दीर्घकालिक समृद्धि, स्वदेशी उर्वरक आत्मनिर्भरता और क्कक्कक्क-आधारित कृषि अनुसंधान के व्यावसायीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

सच्ची हरित क्रांति ; किरोड़ी लाल

केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल ने कहा, सच्ची हरित क्रांति वही है, जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को राष्ट्र से संबोधन में किया। यही क्रांति हमें अपनी मिट्टी और अपने किसानों तक लानी है।

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