
दोनों कंपनियों का ब्रिटेन ऑपरेशन पैरेंट कंपनी की वित्तीय स्थिति पर मुसीबत बना
मुंबई। लगातार घाटे के बाद टाटा गु्रप की ब्रिटिश सरकार के साथ राहत पैकेज को लेकर चल रही बातचीत फेल हो गई है। ऐसे में टाटा गु्रप अब ब्रिटेन में जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) और स्टील प्लांट की हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है। टाटा स्टील और टाटा मोटर्स के एक पूर्व डायरेक्टर का कहना है कि दोनों कंपनियों का यूरोपियन ऑपरेशन पैरेंट कंपनी की वित्तीय स्थिति पर मुसीबत बन रहा है और ग्रुप जल्द ही किसी समाधान के साथ सामने आ सकता है।

लंबे समय से ब्रिटेन का स्टील कारोबार बेचना चाहता है टाटा ग्रुप
टाटा गु्रप लंबे समय से ब्रिटेन का स्टील कारोबार बेचने का प्रयास कर रहा है। पूर्व डायरेक्टर का कहना है, मैं जेएलआर में हिस्सेदारी बिक्री और ब्रिटेन के स्टील कारोबार को बेचने से इनकार नहीं करूंगा। डायरेक्टर का कहना है कि टाटा स्टील के यूरोपियन ऑपरेशन के विलय को लेकर थायसनक्रूप से चल रही बातचीत में काफी समय लग रहा है। यह अच्छी खबर नहीं है। टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता का कहना है कि जेएलआर विभिन्न मुद्दों पर ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत करता रहता है।
जेएलआर के लिए कोई कार्यक्रम नहीं
टाटा मोटर्स के प्रवक्ता का कहना है कि इस स्तर पर जेएलआर के लिए उपयुक्त माना जाने वाला कोई कार्यक्रम नहीं है। हमने हाल ही में पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित किए हैं। इससे संकेत मिलता है कि महामारी के बावजूद हमारे पास मजबूत लिक्विडिटी उपलब्ध है। टाटा स्टील के एक प्रवक्ता के मुताबिक, कंपनी ने ब्रिटेन सरकार के साथ संभावित सहायता के लिए बातचीत की थी। तब से अब तक यह बातचीत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। ऐसे में जिस विकल्प पर विचार नहीं हो रहा है उस पर प्रतिक्रिया देना जल्दबाजी होगी।
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जुलाई में लिबर्टी हाउस ने दिखाई थी रुचि
जुलाई में संजीव गुप्ता की कंपनी लिबर्टी हाउस ने टाटा स्टील के पोर्ट तालबोट (ब्रिटेन) में साझेदारी के लिए रुचि दिखाई थी। जेएलआर के हालात ऐसे हैं कि इसकी ब्रिटिश सब्सिडियरी को 2020 के पहले 6 महीनों में 1 बिलियन यूरो का नुकसान हो चुका है। कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में बिक्री घट गई है। टाटा ग्रुप ने महामारी से पहले संभावित हिस्सेदारी बिक्री को लेकर बातचीत शुरू की थी, लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।
जेएलआर ब्रिटेन में 30 हजार कर्मचारी काम करते हैं
ब्रिटेन में जेएलआर में 30 हजार और टाटा स्टील में 8 हजार कर्मचारी ऑन रोल काम करते हैं। ब्रिटिश सरकार की ओर से स्थानीय कंपनियों की मदद के प्रयासों के तहत टाटा ग्रुप ने वित्तीय पैकेज की मांग की थी। लेकिन सरकार की सख्त शर्तों की वजह से यह बातचीत फेल हो गई है। ब्रिटिश सरकार ने जेएलआर से कहा है कि वह डीजल वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों का ज्यादा निर्माण करे। महामारी से पहले ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टेन ने कहा था कि जेएलआर 9 बिलियन यूरो का सौदा आकर्षित कर सकता है। इस रिपोर्ट के विदेशी मीडिया में सामने आने के बाद बीएमडब्ल्यू ने जेएलआर में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई थी।