अधिकारी प्लानिंग के साथ तय समय में विभागीय घोषणाओं को धरातल पर उतारें

डॉ. किरोडी लाल
डॉ. किरोडी लाल

बजट घोषणाओं द्वारा अधिक से अधिक किसानों को पहुंचायें लाभ- डॉ. किरोडी लाल

जयपुर। कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोडी लाल ने कहा कि विभागीय अधिकारी बजट घोषणाओं को प्लानिंग के साथ तय समय में पूरा करते हुए अधिक से अधिक पात्र किसानों को लाभ पहुंचाएं। जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और हमारे प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन सकेंगे। उन्होंने बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस अपनाए जाने के निर्देश प्रदान किए।

डॉ. किरोडी लाल आज कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा, जयपुर के ऑडिटोरियम में कृषि विभाग के विभागीय अधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सभी जिलों के संयुक्त निदेशकों व अतिरिक्त निदेशक (विस्तार) को विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए और कहा कि बजट घोषणाओं की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है।

उन्होंने बैठक में जिलेवार उर्वरकों की मांग, आपूर्ति, खपत एवं उपलब्धता, रबी सीजनके लिए उर्वरकों की संभावित मांग सहित आपूर्ति, खपत एवं उपलब्धता की कार्य योजना पर चर्चा की। इसके अलावा उर्वरक अनुज्ञापत्र के लिए योग्यता प्रमाण पत्र, जिलों द्वारा पीएम-प्रणाम योजना के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निरंतर केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर उर्वरकों की आपूर्ती करवाई जा रही है। राज्य के किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धत सुनिश्चित करने हेतु खरीफ 2025 में अप्रैल से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 8 लाख 82 हजार मैट्रिक टन यूरिया के विरुद्ध अब तक 8 लाख 37 हजार मैट्रिक टन की आपूर्ती की जा चुकी है।

शेष अवधि में 45 हजार मैट्रिन यूरिया की आपूर्ती जल्द ही कर दी जायेगी। टैगिंग करने वाले आदान विक्रेताओं एवं डीलर पर सख्ताई से कार्यवाही करने के निर्देश दिए साथ ही आदान विक्रेताओं के यहां आधान परिसर के बाहर विभागीय पैकेज ऑफ प्रैक्टिसेज के अनुसार उर्वरक उपयोग के बैनर लगाने के लिए निर्देशित किया। कृषि विभाग द्वारा कुल 115 निरीक्षण किये गये जिनमें 78 सीजरनामा व 62 एफआईआर दर्ज हुई।

बैठक के अंत में माननीय मंत्री द्वारा सभी विभागीय अधिकारियों को रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने, अपने खेत व माटी में अधिक से अधिक जैव उर्वरक, कार्बनिक खाद का उपयोग करने एवं अपने साथी कृषकों को भी इसकी जानकारी देने के लिए “धरती माता बचावो अभियान” की शपथ दिलवाई।

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