देश के अलग-अलग राज्यों से लगभग हर दिन पनीर और देसी घी में मिलावट की खबरें सामने आती रहती हैं। हाल ही में पंजाब में जांचे गए 531 पनीर सैंपल में से 196 घटिया क्वालिटी के और 59 खाने के लिए असुरक्षित पाए गए। वहीं 222 देसी घी के सैंपल में से 20 घटिया और 28 असुरक्षित निकले। आज जरूरत की खबर में हम घर पर घी और पनीर बनाने की आसान विधियों के बारे में बात करेंगे।
मिलावटी घी व पनीर खाने से किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?
पनीर में अक्सर स्टार्च, मैदा, खराब दूध, आटा, डिटर्जेंट पाउडर, पाम ऑयल और यूरिया जैसी खतरनाक चीजें मिलाई जाती हैं, जिससे उसकी मात्रा और सफेदी बढ़ाई जा सके। वहीं देसी घी में डालडा, मार्जरीन, स्टार्च, सस्ते तेल, सिंथेटिक रंग और फ्लेवर मिलाए जाते हैं ताकि वह असली घी जैसा दिखे और महक दे। पनीर और शुद्ध देसी घी की पहचान उसके रंग, बनावट, स्वाद और खुशबू से की जा सकती है। मिलावटी पनीर रबड़ की तरह खिंचता है, जबकि असली पनीर सॉफ्ट होता है। वहीं शुद्ध देसी घी में एक खास तरह की नेचुरल खुशबू होती है।
पनीर की शुद्धता जांचने के तरीके
पनीर में मिलावट जांचने के लिए सोयाबीन पाउडर टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए पनीर का एक छोटा टुकड़ा पानी में उबालें और ठंडा होने दें, फिर पानी में अरहर दाल पाउडर या सोयाबीन पाउडर मिलाएं। करीब 10 मिनट बाद अगर पानी या पनीर का रंग हल्का लाल हो जाए तो यह डिटर्जेंट या यूरिया की मौजूदगी का संकेत है। इसी तरह आयोडीन टेस्ट से भी पनीर की शुद्धता पता की जा सकती है। पानी में उबालकर ठंडा किया गया पनीर, अगर आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदों के बाद नीला या काला हो जाए तो यह स्टार्च की मिलावट का संकेत है।
घी की शुद्धता जांचने के तरीके
घी में मिलावट की जांच भी काफी आसान है। कटोरी में थोड़ा घी लेकर उसमें आयोडीन की 2-3 बूंदें डाले। अगर रंग बदलता है तो घी मिलावटी है। घी में कंसन्ट्रेटेड हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाकर कुछ देर छोड़ दें। अगर इसका रंग लाल हो जाए तो समझ लीजिए इसमें मिलावट है।
यह भी पढ़ें : चीन के तियानजिन में एससीओ के इतर में मोदी-शी की अहम वार्ता