जोधपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), जोधपुर के शोधकर्ता अपशिष्ट पदार्थों (waste materials) का पुनः उपयोग करके टिकाऊ सड़कों के निर्माण के अभिनव तरीके विकसित कर रहे हैं, जिससे अपशिष्ट निपटान (waste disposal) की चुनौती को बुनियादी ढाँचे की स्थिरता के अवसर में बदला जा रहा है।
आईआईटी जोधपुर के सिविल और इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. भूपेंद्र सिंह और उनकी टीम, सड़क निर्माण को अधिक टिकाऊ, किफायती और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए पुनर्चक्रित कंक्रीट (recycled concrete), अपशिष्ट प्लास्टिक (waste plastic) और औद्योगिक उप-उत्पादों (industrial by-products) का उपयोग कर पेवमेंट इंजीनियरिंग (pavement engineering) पर केंद्रित शोध कर रहे हैं।
कचरे को सड़कों में बदलना
इस प्रमुख पहल में ध्वस्त इमारतों से प्राप्त recycled concrete aggregate (RCA) का उपयोग शामिल है। केवल प्राकृतिक पत्थर (Aggrergates) पर निर्भर रहने के बजाय, जो तेजी से क्षय हो रहे हैं और उत्खनन के कारण पर्यावरणीय क्षति पहुँचा रहे हैं, RCA का उपयोग प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में मदद करता है। RCA की गुणवत्ता में सुधार के लिए, टीम कमज़ोर मोर्टार अवशेषों (weak mortar residues) को हटाने और एग्रीगेट की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए यांत्रिक, रासायनिक, तापीय और माइक्रोवेव विधियों जैसे विशिष्ट उपचारों का उपयोग कर रही है। इन तकनीकों से यह सुनिश्चित होता है कि पुनर्चक्रित सामग्री सड़क निर्माण के लिए आवश्यक स्थायित्व मानकों को पूरा करे और नई सड़कों के निर्माण में उपयोग की जा सके।
अपशिष्ट प्लास्टिक से टिकाऊ पेवर ब्लॉक पर कार्य
शोध समूह पेवरब्लॉक्स पर भी कार्य कर रहा है, जिन्हें आमतौर पर रास्तों, पार्किंग स्थलों और शहरी क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है। पारंपरिक ब्लॉक्स मुख्यतः सीमेंट और प्राकृतिक एग्रीगेट्स (cement and natural aggregates) पर निर्भर रहते हैं, जिनका कार्बन फुटप्रिंट अत्यधिक होता है। इसके समाधान के लिए आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ता अपशिष्ट प्लास्टिक (विशेष कर संस्थान के मेस से एकत्रित दूध के पाउच) को बंधक सामग्री (binding material) के रूप में उपयोग कर रहे हैं। इसे पुनर्चक्रित निर्माण मलबे (recycled construction waste), पुनः प्राप्त डामर (reclaimed asphalt) और संगमरमर का चूर्ण (marble dust) जैसी सामग्रियों के साथ मिलाकर टिकाऊ विकल्प तैयार किया जा रहा है। यह न केवल प्लास्टिक और निर्माण अपशिष्ट के प्रबंधन में सहायक है, बल्कि अधिक मजबूत, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल पेवरब्लॉक्स का उत्पादन भी सुनिश्चित करता है। कठोर प्रयोगशाला परीक्षणों से सिद्ध हुआ है कि ये ब्लॉक्स राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों को निरंतर पूरा करते हैं।