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राजस्थान , जम्मू – कश्मीर , लखनऊ , दिल्ली के क़रीब 164 शिक्षकों का होगा सम्मान
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6 शिक्षकों का माला माथुर मेमोरियल “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड इन एजुकेशन” से किया जाएगा सम्मानित
जयपुर। थार सर्वोदय संस्थान , सिम्पली जयपुर और रघु सिन्हा माला माथुर चैरिटी ट्रस्ट के तत्वाधान में शिक्षकों के सम्मान में प्रिंसीपल्स एंड टीचर्स अवार्ड 2025 के चौदहवां संस्करण का आयोजन शनिवार 6 सितम्बर को शाम 5 बजे से रंगायन – जवाहर कला केंद्र में किया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजक थार सर्वोदय संस्थान की ट्रस्टी अंशु हर्ष एवं रघु सिन्हा माला माथुर चैरिटी ट्रस्ट के ट्रस्टी सुधीर माथुर ने बताया की ” इस वर्ष कुछ ऐसे शिक्षकों का सम्मान भी करा जायेगा जिन्होंने अपना जीवन नयी पीढ़ी को ज्ञान देने मे समर्पित किया ” माला माथुर मेमोरियल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड इन एजुकेशन” शिक्षा के क्षेत्र में कड़ी मेहनत और उपलब्धि का सम्मान है।
इस वर्ग में 6 लोगो को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड इन एजुकेशन से सम्मान किया जायेगा। इस केटेगरी में प्रोफेसर एन. डी. माथुर , डॉ. कान्ता आहूजा , प्रोफेसर सुधा राय, प्रो. मिनी नंदा, पिंकी सिंह , डॉ. अजीत कुमार जैन का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मान किया जाएगा। वहीं आयोजक सोमेंद्र हर्ष ने बताया कि ” प्रिंसीपल्स एंड टीचर्स अवार्ड 2025 का यह चौदहवां संस्करण शिक्षा के क्षेत्र में कड़ी मेहनत और उपलब्धि को सम्मान देने का अवसर है और शिक्षक ज्ञान को विकसित करने, प्रेरणा देने तथा रचनात्मक विचारों को प्रोत्साहित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। इस वर्ष के सम्मान समारोह में राजस्थान के जयपुर के अलावा जोधपुर, अजमेर, बाड़मेर, सिरोही, पाली और जालोर से लगभग 43 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त दिल्ली, लखनऊ, गुजरात और जम्मू-कश्मीर से लगभग 37 शिक्षकों को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार प्री-स्कूल, सरकारी एवं निजी विद्यालय, कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थानों की विभिन्न श्रेणियों से कुल मिलाकर 164 शिक्षकों को प्रिंसिपल्स एंड टीचर्स अवार्ड 2025 से सम्मानित किया जाएगा।” शिक्षक दिवस 2025 के अवसर पर, हर वर्ष की तरह इस बार भी शिक्षकों के सम्मान में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी। यह प्रस्तुतियाँ न केवल आयोजन में गरिमा जोड़ेंगी बल्कि शिक्षकों के प्रति विद्यार्थियों की कृतज्ञता और आदरभाव को भी व्यक्त करेंगी। थार सर्वोदय संस्थान और रघु सिन्हा माला माथुर चैरिटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित प्रिंसिपल्स एवं टीचर्स अवॉर्ड समारोह में माला माथुर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड – 2025 से छह वरिष्ठ शिक्षकों का सम्मान किया जा रहा है।
प्रोफेसर एन. डी. माथुर
प्रो. माथुर वर्तमान में विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जयपुर के अध्यक्ष (कुलपति) हैं। वे एक प्रख्यात शिक्षाविद् हैं, जिनका शिक्षण अनुभव 47 वर्षों का है। वे राजस्थान विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्रोफेसर रहे हैं और अब तक 36 पीएच.डी. शोधार्थियों का मार्गदर्शन कर चुके हैं। 70 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित करने वाले प्रो. माथुर को कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अवॉर्ड और सर्वपल्ली राधाकृष्णन अवॉर्ड प्रमुख हैं। अर्थशास्त्र, वाणिज्य और प्रबंधन के क्षेत्र में उनका अद्वितीय योगदान प्रेरणादायी है।
डॉ. कान्ता आहूजा
डॉ. कान्ता आहूजा एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और अर्थशास्त्री हैं, जिनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि दिल्ली, आगरा और मिशिगन विश्वविद्यालयों से रही है। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर तथा एमडीएस विश्वविद्यालय, अजमेर – दोनों में कुलपति के रूप में कार्य किया है। अर्थशास्त्र के शिक्षण में 66 वर्षों से अधिक का उनका योगदान रहा है। उनके विद्यार्थियों में मंत्री, मुख्य सचिव, कुलपति, आईपीएस अधिकारी और सफल शिक्षाविद् शामिल हैं।
डॉ. आहूजा ने योजना आयोग में भी कार्य किया और वहाँ उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम किया। सहयोगी और सहायक स्वभाव की धनी डॉ. आहूजा ने अंतरराष्ट्रीय और विकास अर्थशास्त्र के क्षेत्रों में कई दशकों तक शोध का मार्गदर्शन किया है। उनके विशेषज्ञता के क्षेत्र में आर्थिक विकास और प्रगति, राजनीतिक अर्थशास्त्र, आजीविका, आय सुरक्षा और बेरोजगारी जैसे विषय शामिल हैं।
प्रोफेसर सुधा राय
प्रोफेसर सुधा राय राजस्थान विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष एवं कला संकाय की डीन रह चुकी हैं। स्वर्ण पदक विजेता और विशिष्ट शिक्षाविद् के रूप में उन्होंने अंग्रेज़ी अध्ययन, महिला शिक्षा, उत्तर-औपनिवेशिक और प्रवासी साहित्य, दिव्यांग अध्ययन तथा फ़िल्म अध्ययन के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। उन्होंने अनेक शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया है तथा ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस और भारत में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप प्राप्त की हैं। मार्गदर्शक, शोधकर्ता, समीक्षक और समीक्षात्मक लेखिका के रूप में प्रो. राय निरंतर प्रेरणा देती रही हैं। उनका अद्भुत शैक्षणिक एवं साहित्यिक सफ़र उच्च शिक्षा और साहित्य में उत्कृष्टता का प्रकाशस्तंभ है।
प्रो. मिनी नंदा
राजस्थान विश्वविद्यालय में 37 वर्षों की गौरवशाली शिक्षण यात्रा के साथ, प्रो. नंदा ने अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय सीनेट की सदस्य, सेंटर फ़ॉर विमेन स्टडीज़ की निदेशक, RUSA परियोजनाओं की समन्वयक आदि महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया है। उन्होंने 25 एम.फिल. शोध प्रबंधों और 11 पीएच.डी. शोध प्रबंधों का मार्गदर्शन किया है।
सांस्कृतिक अध्ययन, फ़िल्म अध्ययन, महिला लेखन और विश्व साहित्य के क्षेत्रों में उनका व्यापक प्रकाशन कार्य रहा है। साथ ही, उन्होंने कनाडा, स्पेन, पेरिस, प्राग और रोम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनके हालिया कार्यों में साहित्य अकादमी के लिए अनुवाद, Where is My Home and Other Stories जैसी पुस्तक, और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 में सत्रों का संचालन शामिल है। एक सच्ची शिक्षाविद्, मार्गदर्शक और पथप्रदर्शक के रूप में हम साहित्य, शिक्षा और समाज के प्रति उनके अद्वितीय योगदान को सम्मानित करते है।
पिंकी सिंह
पिंकी सिंह ने तीन दशकों से अधिक समय तक जयपुर के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स स्कूल में गणित और विज्ञान अध्यापिका के रूप में अपनी सेवाएँ देते हुए नयी पीढ़ी के मन-मानस को आकार दिया है। लेडी इर्विन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की गौरवशाली पूर्व छात्रा सिंह ने न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि अनेकों सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों का नेतृत्व करते हुए विद्यार्थियों की पीढ़ियों पर अमिट छाप छोड़ी। सेवानिवृत्ति के पश्चात भी उन्होंने अपनी सेवा यात्रा जारी रखी और सुखमणी सेवा सोसायटी, जयपुर की स्थापना की – जो सामाजिक कल्याण और आध्यात्मिक सेवा के लिए समर्पित एक पंजीकृत संस्था है।
साथ ही, वे स्पार्क पीआर एंड कम्युनिकेशंस की संस्थापक शक्ति हैं, जो राजस्थान की अग्रणी पीआर कंपनियों में से एक है। बेस्ट टीचर अवॉर्ड प्राप्त करने से लेकर अब थार सर्वोदय संस्थान और रघु सिन्हा माला माथुर चैरिटी ट्रस्ट द्वारा 14वें प्रिंसिपल्स एंड टीचर्स अवॉर्ड समारोह – 2025 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित होने तक, उनकी यात्रा समर्पण, विनम्रता और उत्कृष्टता की प्रेरणादायी गाथा है।
डॉ. अजीत कुमार जैन
डॉ. अजीत कुमार जैन, संस्थापक एवं महामंत्री, अनुराग संगीत संस्थान, जयपुर बीते 49 वर्षों में डॉ. जैन ने लगभग 15,000 विद्यार्थियों को संगीत शिक्षा प्रदान कर एक गौरवशाली कीर्तिमान स्थापित किया है। आपकी संस्था में दृष्टिबाधित और विकलांग विद्यार्थियों को निःशुल्क संगीत शिक्षा दी जाती है, ताकि वे संगीत के माध्यम से आत्मनिर्भर बनकर स्वावलंबी जीवन जी सकें। समाज सेवा के प्रति आपके इस समर्पण ने आपको अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया है। वर्ष 1992 से आप निरंतर अखिल भारतीय स्तर पर दृष्टिबाधित बच्चों की संगीत प्रतियोगिता आयोजित करते आ रहे हैं, जिसमें अब तक 6000 से अधिक प्रतियोगी भाग ले चुके हैं।
इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को संस्थान द्वारा प्रदत्त प्रमाण-पत्रों के आधार पर सरकारी व गैर-सरकारी क्षेत्रों में रोजगार भी प्राप्त हुए हैं, जो अपने आप में एक अद्वितीय उपलब्धि है।अप्रैल 2017 में आपने पिंक सिटी दिव्यांग म्युजिकल ग्रुप की स्थापना की, जिसमें उन कलाकारों को शामिल किया गया जो संगीत कला में दक्ष तो हैं लेकिन उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त नहीं हो पाए। इस समूह के माध्यम से वे अपनी प्रस्तुतियों द्वारा न केवल आत्मनिर्भर हो रहे हैं, बल्कि अपने परिवार का भी भरण-पोषण कर रहे हैं। आपके इन अद्भुत और कल्याणकारी प्रयासों की सराहना राजस्थान के महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों एवं संस्थाओं ने की है। डॉ. जैन का जीवन और कार्य वास्तव में हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।
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