जयपुर: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार, 4 सितंबर को अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को हुए नुकसान और मुआवजे के मुद्दे पर तीखी नोकझोंक देखने को मिली, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से यह मुद्दा उठाया और किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की तत्काल घोषणा की मांग की।
सरकार का पक्ष:
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सदन को बताया कि अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए व्यवस्था की गई है और प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार किसानों और आम जनता के साथ खड़ी है।
कांग्रेस ने बताया अपर्याप्त:
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कृषि मंत्री के बयान को “अपर्याप्त” बताते हुए मुआवजा बढ़ाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि भारी तबाही के बावजूद सरकार की राहत घोषणाएं किसानों के लिए “नाकाफी” हैं। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी, सरकार पर गरीबों और किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया।
हंगामा और स्थगन:
विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद हालात बिगड़ गए। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस विधायकों के आरोप:
कांग्रेस विधायक अमित चाचान ने अपने नोहर क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि वहां सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। उन्होंने नुकसान का तत्काल सर्वे कराने की मांग की। विधायक नरेंद्र बुडानिया ने भी पूरे प्रदेश में किसानों और आम व्यक्तियों को हुए भारी नुकसान का उल्लेख किया और सरकार से पीड़ितों की मदद करने का आग्रह किया।
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