बरसात का मौसम आते ही मच्छरों का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं डेंगू होने पर सबसे ज्यादा प्लेटलेट्स घटने की चिंता होती है। अगर खानपान में सही तरीके से ध्यान दिया जाए तो स्थिति गंभीर होने से बच सकती है, क्योंकि डेंगू के दौरान शरीर कमजोर हो जाता है और इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती है। जिस कारण प्लेटलेट्स घटने का खतरा और भी बढ़ जाता है। ऐसे में हेल्दी और पौष्टिक भोजन करना बेहद जरूरी है। कुछ ऐसे सुपरफूड होते हैं जो प्लेटलेट्स को तेजी से बढ़ाने में मदद कर सकते हैं और शरीर को जल्दी रिकवर करने में सहायक होते हैं। तो आइए जानते हैं डाइट में किन चीजों को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
कीवी
कीवी विटामिन ष्ट और एंटीऑक्सीडेंट्स का शानदार स्रोत है। यह न केवल इम्यूनिटी को मजबूत करता है, बल्कि प्लेटलेट्स को भी तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। रोजाना एक कीवी खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है और थकान कम होती है।
अनार
डेंगू के दौरान अक्सर शरीर में खून की कमी और थकान महसूस होती है। अनार आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और शरीर को एनर्जी देता है। नियमित सेवन से प्लेटलेट्स का लेवल भी स्टेबल रहता है।
नारियल पानी
डेंगू मरीजों के लिए हाइड्रेटेड रहना सबसे जरूरी है। नारियल पानी में मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं, जो डिहाइड्रेशन से बचाते हैं और शरीर की कमजोरी दूर करते हैं। यह एक नेचुरल एनर्जी ड्रिंक की तरह काम करता है।
पपीते के पत्तों का रस
डेंगू में पपीते के पत्तों का रस किसी प्राकृतिक औषधि से कम नहीं माना जाता। इसमें मौजूद एंजाइम्स प्लेटलेट्स की संख्या को तेजी से बढ़ाने में मदद करते हैं। इसे दिन में दो बार लेना मरीज के लिए फायदेमंद हो सकता है।
हल्की खिचड़ी या दलिया
डेंगू में तला-भुना और भारी खाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। इसकी जगह हल्की खिचड़ी या दलिया लेना बेहतर है। ये दोनों पचने में आसान होते हैं और शरीर को कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन भी देते हैं, जिससे रिकवरी की प्रक्रिया तेज होती है।
गिलोय का रस
गिलोय को आयुर्वेद में ‘अमृता’ कहा गया है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने और बुखार कम करने में बेहद असरदार है। डेंगू के मरीज अगर गिलोय का रस नियमित रूप से लें, तो शरीर जल्दी रिकवर करता है और प्लेटलेट्स का लेवल भी गिरता नहीं है। डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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