नेपाल में गहराई राजनीतिक अस्थिरता, नए नेतृत्व की मांग

केपी शर्मा ओली चौथी बार बने नेपाल के प्रधानमंत्री
केपी शर्मा ओली चौथी बार बने नेपाल के प्रधानमंत्री

काठमांडू। केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने के बाद नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता गहरा गई है। युवा पीढ़ी, विशेषकर जेन-जेड, प्रदर्शन कर रही है और पुराने नेताओं को हटाकर नए नेतृत्व की मांग कर रही है। केपी शर्मा ओली, शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल प्रचंड, माधव कुमार नेपाल, झालानाथ खनल और डॉ. बाबूराम भट्टाराई से राजनीति से संन्यास लेने की मांग हो रही है। इनके अपने दलों में भी यह गुस्सा है कि दशकों से यही लोग सत्ता में बने रहे हैं और नए नेतृत्व को मौका नहीं मिला। एक संयुक्त बयान जारी करवा कर इन्हें सक्रिय राजनीति से दूर करने की तैयारी है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने पर सहमति बन चुकी है। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और सेना प्रमुख इस बदलाव को शांतिपूर्ण तरीके से लागू कराने में जुटे हैं। सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना नेपाल की राजनीति में ऐतिहासिक और स्थिरता लाने वाला कदम हो सकता है।

राजनीतिक दलों में दूसरी पीढ़ी का उभार
नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल, माओवादी केंद्र और यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी के युवा नेता अब परिवर्तन की बागडोर संभालने के लिए सक्रिय हैं। उनका मुख्य एजेंडा पुराने नेताओं को रिटायर करके नई सोच और नई ऊर्जा के साथ सरकार बनाना है।