वाशिंगटन। अमेरिका ने जी-7 देशों पर दबाव डाला है कि वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों, खासकर भारत पर टैरिफ लगाएं। यह कदम यूक्रेन में चल रहे युद्ध के संदर्भ में उठाया जा रहा है, जहां अमेरिका का मानना है कि रूस की ऊर्जा आय इस संघर्ष को बढ़ावा दे रही है ।अमेरिकी वित्त मंत्री और व्यापार प्रतिनिधि ने जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों से अपील की है कि वे रूस से तेल आयात करने वाले देशों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाएं। भारत और चीन रूस के बड़े तेल खरीदार हैं, और अमेरिका का दबाव खासकर भारत पर है जो अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस से सस्ता तेल खरीदता है। अमेरिका ने पहले ही भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है।
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक बिल प्रस्तावित किया है जिसमें रूस से व्यापार करने वाले देशों पर 500% तक टैरिफ लगाने की बात कही गई है। इस प्रस्ताव को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन मिला है। अमेरिका का कहना है कि रूस की ऊर्जा आय यूक्रेन में युद्ध को वित्तीय मदद दे रही है, और इस आय को कम करने के लिए टैरिफ जैसे आर्थिक उपाय जरूरी हैं । यह स्थिति भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उसे अपनी ऊर्जा सुरक्षा और अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों के बीच संतुलन बनाना होगा। भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की है, लेकिन अमेरिका के दबाव से उसे अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। जी-7 देशों और रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाने की मांग के बीच वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभावों पर नजर रखी जा रही है।