जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार गांवों के समग्र विकास के लिए ‘अटल पथ’ योजना के माध्यम से एक बड़ा कदम उठा रही है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान कर उनके आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देने का लक्ष्य रखती है। गांवों को शहरों से जोड़ने वाली ये सीमेंट कंक्रीट की सड़कें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगी और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएंगी।
योजना के प्रमुख बिंदु :
- दो-चरणों में क्रियान्वयन: यह योजना दो चरणों में लागू की जा रही है। पहले चरण में 10,000 से अधिक आबादी वाले गांवों को शामिल किया गया है, जबकि दूसरे चरण में 5,000 से 10,000 की आबादी वाले गांवों में सड़कें बनाई जाएंगी।
- ग्रामीण समृद्धि का मार्ग: अटल पथों के निर्माण से ग्रामीण उत्पादों और कच्चे माल को बड़े बाजारों तक पहुंचाना आसान होगा। इससे किसानों, कारीगरों और छोटे व्यवसायियों को फायदा होगा। साथ ही, इन सड़कों से ग्रामीण आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य और बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचने में सुविधा होगी।
- तेजी से चल रहा काम: सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अनुसार, 249 गांवों में अटल पथों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 151 पर काम शुरू हो चुका है। 10,000 से अधिक आबादी वाले 52 गांवों में काम चल रहा है, जिनमें से 16 पथों का निर्माण पूरा हो चुका है।
- आधुनिक सुविधाओं से लैस: प्रत्येक अटल पथ की लंबाई 1 से 3 किलोमीटर होगी, जिसकी लागत 2 करोड़ रुपए तक होगी। इन सड़कों की चौड़ाई 7 मीटर होगी और दोनों तरफ नालियां बनाई जाएंगी। जहां जरूरत होगी, वहां स्ट्रीट लाइट भी लगाई जाएंगी, जिसका रख-रखाव ग्राम पंचायत द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह योजना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की उस सोच को साकार करती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “भारत गांवों का देश है, और यदि गांवों का कायाकल्प किया जाए तो पूरे राष्ट्र का विकास संभव है।” इन अटल पथों का निर्माण ‘विकसित राजस्थान’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।
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