डोटासरा के बयान पर मदन राठौड़ का हमला… बताया निंदनीय और संसदीय परंपराओं के खिलाफ

मदन राठौड़
मदन राठौड़

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के विधानसभा में कैमरे को लेकर दिए गए बयान की कड़ी आलोचना की है। राठौड़ ने इस बयान को ‘निंदनीय’ और ‘संसदीय मर्यादाओं की घोर अवहेलना’ बताया है। राठौड़ ने कहा कि विधानसभा कोई निजी स्थान नहीं बल्कि लोकतंत्र का मंदिर है, जहां हर गतिविधि जनता के हित में और पूरी पारदर्शिता के साथ होती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि डोटासरा जैसे नेता जो काम नहीं करते, वे केवल अनर्गल बयानबाजी करते हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आरोप लगाना बेहद शर्मनाक है और यह कांग्रेस की ‘ओछी मानसिकता’ को दर्शाता है। राठौड़ ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस जनता के मुद्दे उठाने में पूरी तरह विफल रही है और सिर्फ हंगामा करना उनका मकसद रह गया है।

ईवीएम और ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर पलटवार

मदन राठौड़ ने कांग्रेस द्वारा बार-बार ईवीएम हैकिंग और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को खारिज करते हुए इसे कांग्रेस की ‘खानदानी परंपरा’ बताया। उन्होंने पंडित नेहरू के समय (1952) का उदाहरण दिया, जहां मौलाना आज़ाद के चुनाव को लेकर मतपेटी से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे।

उन्होंने कांग्रेस के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाया, यह कहते हुए कि जब वे चुनाव हारते हैं तो चुनाव आयोग और ईवीएम पर सवाल उठाते हैं, लेकिन जीतने पर सब कुछ सही लगता है। राठौड़ ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका बार-बार ईवीएम पर बयान देना उनकी निराशा और घटते जनाधार का संकेत है। उनके अनुसार, ऐसे आरोप लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान हैं।

कांग्रेस नेताओं के व्यवहार पर टिप्पणी

राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं के बयानों और व्यवहार को उनकी हताशा का संकेत बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेता कभी ‘मोदी सरनेम’ पर बयान देते हैं, तो कभी वरिष्ठ नेताओं की माताओं के लिए अशोभनीय टिप्पणी करते हैं और कभी मिमिक्री करते हैं। उन्होंने इस तरह के व्यवहार को ‘विक्षिप्त मानसिकता’ का संकेत बताया, जो जनाधार खो जाने के कारण उत्पन्न हुई है।

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