जयपुर। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की कथित जासूसी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में सीधे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर निशाना साधा है।
अध्यक्ष पर गंभीर आरोप:
गहलोत ने दावा किया कि विधानसभा में दो अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं, जिनका कंट्रोल सीधे अध्यक्ष के कक्ष से जुड़ा हुआ है। उनका आरोप है कि इन कैमरों के जरिए अध्यक्ष और उनके निजी सचिव विपक्षी विधायकों की गतिविधियों और बातचीत पर नजर रख रहे हैं। गहलोत ने इसे “बहुत बड़ा अपराध” बताते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अधिकार क्षेत्र पर सवाल:
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रश्न उठाया कि किस अधिकार के तहत अध्यक्ष ने इस तरह के कैमरे लगाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि पहले से ही लगे कैमरे सदन की कार्रवाई का सीधा प्रसारण करते हैं, लेकिन विपक्षी विधायकों की अलग से निगरानी करना सही नहीं है।
डोटासरा विवाद का जिक्र:
गहलोत ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के ‘पक्षपातपूर्ण रवैये’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अनुपस्थिति में उनकी एक टिप्पणी पर बहस कराई और उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर थी।
राज्यपाल से जांच की मांग:
गहलोत ने राज्यपाल से अपील की है कि वे विधानसभा को सील करवाकर इस मामले की गहन जांच कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि यह जांच की जानी चाहिए कि इन कैमरों को किसने और किस उद्देश्य से लगवाया।
वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी पर भी हमला:
गहलोत ने इस मौके पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर भी हमला बोला। उन्होंने वोट चोरी को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक मतदाता सूची में गड़बड़ी के खिलाफ देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाएगी।
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