डूंगरपुर। भारतीय जनता पार्टी के सांसद मन्नालाल रावत ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और सांसद राजकुमार रोत पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने बीएपी को ‘आदिवासी विरोधी पार्टी’ बताते हुए आरोप लगाया कि वह झारखंड के कैथोलिक चर्च की विचारधारा को यहां लागू करने का प्रयास कर रही है।
बीएपी पर गंभीर आरोप:
- धर्मांतरण विरोधी अधिनियम का विरोध: रावत ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किए जाने पर बीएपी के विधायकों ने इसका विरोध किया था।
- वक्फ संशोधन बिल का विरोध: उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल जनजाति वर्ग के लिए फायदेमंद था, लेकिन सांसद राजकुमार रोत ने औवेसी जैसे नेताओं का समर्थन किया।
- आरक्षण का विरोध: रावत के अनुसार, सांसद राजकुमार रोत ने सुप्रीम कोर्ट के कोटे में कोटे के फैसले का सबसे पहले विरोध किया था, जिससे वह आदिवासी आरक्षण के खिलाफ नजर आते हैं।
- कन्वर्जन का आरोप: रावत ने कहा कि एसटी वर्ग में आरक्षण और सरकारी योजनाओं का 72 प्रतिशत लाभ धर्मांतरित लोग उठा रहे हैं, जिससे असली आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है।
कांग्रेस पर भी निशाना:
रावत ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने आदिवासियों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और कभी उनका भला नहीं किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मित्र पादरी एल्वीन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके कारण मध्य भारत और पूर्वोत्तर क्षेत्र में जनजातियों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण हुआ।
रेलवे और स्थानीय मुद्दों पर बात:
- रेल कनेक्टिविटी: सांसद ने 19 सितंबर को रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक का जिक्र किया, जिसमें डूंगरपुर और उदयपुर को दक्षिण भारत से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
- वंदे भारत ट्रेन: उन्होंने उदयपुर से सूरत के बीच ‘वंदे भारत’ ट्रेन चलाने की संभावना पर भी बात की।
- मानगढ़ धाम: उन्होंने असारवा से आगरा तक चलने वाली ट्रेन को मानगढ़ धाम स्पेशल ट्रेन बनाने की मांग रखी।
- ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण: रावत ने कहा कि बीजेपी डूंगरपुर और बांसवाड़ा में महापुरुषों के स्मारक बना रही है। उन्होंने ‘वीर बाला काली बाई’ के पाठ को किताबों से हटाए जाने को गलत बताया और इसे जल्द सुधारने की बात कही।
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