जयपुर। श्रीपरशुराम ज्ञानपीठ सभागार में विप्र फाउंडेशन एवं सम्यक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में “योग्य प्रशासक : सशक्त भारत” विषयक कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में मुख्य अतिथि सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा थे। शर्मा ने कहा कि आर्यभट्ट, चाणक्य और प्राचीन ऋषि-मुनियों की परंपरा ही हमें यह प्रेरणा देती है कि ज्ञान और नीति से ही समाज का मार्गदर्शन संभव है।
श्रीपरशुराम ज्ञानपीठ के अध्यक्ष एवं पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ओमेंद्र भारद्वाज ने कहा कि “योग्य प्रशासक से ही सशक्त भारत का निर्माण संभव है।” उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्वल रहना ही अंतिम लक्ष्य नहीं होना चाहिए, बल्कि आत्मविश्वास, जज़्बा और सतत मेहनत से हर परीक्षा में सफलता पाई जा सकती है।
कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने कहा कि श्रीपरशुराम ज्ञानपीठ गौरव और गुमान का विषय है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक चरण में 50 कन्याओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु आवासीय सुविधा दी जाएगी।
डीजी अनिल पालीवाल ने कहा कि पहले प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामग्री व संसाधन सीमित थे, परंतु आज पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। कौशल भारद्वाज ने लक्ष्य-आधारित प्रयोग को समाज के लिए बेहतरीन पहल बताया और पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
विप्र फाउंडेशन के संगठन महामंत्री सतीश शर्मा ने सभी का धन्यवाद् ज्ञापित करते हुए कहा कि समाज के होनहार बालक बालिकाओं की शिक्षा के लिए विप्र फाउंडेशन कटिबद्ध है। विप्र फाउंडेशन के संस्थापक सुशील ओझा के अनुसार श्रीपरशुराम ज्ञानपीठ के दो बड़े सेमिनार हाल में कोचिंग का संचालन होगा। अन्य 45 बड़े कक्षों में, वैदिक रिसर्च, कौशल विकास, लाइब्रेरी, महिला छात्रावास, संस्कार, स्वावलंबन आदि प्रकल्प संचालित होंगे। इस अवसर पर अनुभवी प्रशासनिक पदाधिकारियों—पूर्व आईएएस अधिकारी जेपी शुक्ला, मुख्यमंत्री के ओएसडी विकास राजपुरोहित, डॉ. राजेंद्र पारीक पिलानी, जीएल शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
अतिथियों का स्वागत विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय महामंत्री पवन पारीक, ज़ोन वन अध्यक्ष राजेश कर्नल, इस्पेस के प्यारेलाल शर्मा, अजय पारीक, पुष्पेंद्र शर्मा एवं अरुण शर्मा सहित विभिन्न पदाधिकारियों ने किया। सेमिनार में 800 से अधिक बच्चों ने भाग लिया।