चंबल नदी हादसा : आज दो युवतियों के शव मिले, कुल 13 लोगों की मौत हुई

बुधवार सुबह 9 बजे खातोली गांव के पास चंबल नदी में 32 लोगों और 14 बाइकों ने लदी नाव डूब गई थी

कोटा। कोटा जिले के खातोली गांव के पास चंबल नदी में नाव पलटने से अब तक 13 लोगों की मौत हो गई। गुरुवार सुबह 2 शव नदी से निकाले गए। जो मौके से करीब आधा किलोमीटर दूर गोठड़ा खुर्द से मिली। यह दो शव ज्योति और गोलमा नाम की दो युवतियों के हैं। इसके साथ रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है।

बुधवार को सुबह 9 बजे नाव पलटने के हादसे के बाद 13 लोग लापता हो गए थे। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ दोनों की टीमें मौजूद रहीं। बुधवार को अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू रोक दिया गया था। जो गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया। इस दौरान कई अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।

क्या है मामला

बुधवार सुबह कोटा जिले में खातोली गांव के पास चंबल नदी में 32 लोगों और 14 बाइकों से लदी नाव डूब गई थी। जिसमें 13 लोग लापता हो गए थे। बुधवार देरशाम तक 11 शव बरामद कर लिए गए थे। इनमें 6 पुरुष, 4 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल था। नाव चलाने वाला तैरकर बाहर निकल आया था। नाव 25 लोगों का भार उठा सकती थी, लेकिन उसमें 32 लोग सवार थे। यही नहीं, इन लोगों ने नाव में 14 बाइक भी रख दी थीं। इसी वजह से नाव पलट गई। जहां हादसा हुआ, वहां नदी की गहराई 40 से 50 फीट थी।

घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन बहाव तेज होने की वजह से कुछ लोग बह गए। पुलिस ने बताया कि ये लोग कमलेश्वर धाम जा रहे थे। मारे गए ज्यादातर लोग गोठड़ा कला के रहने वाले हैं।

लड़कों ने 25 लोगों की जान बचाई

चार लड़कों ने मिलकर कुल करीब 25 लोगों की जान बचाई। उन्होंने बताया कि नाव वाले ने ज्यादा लोगों को बैठाने से इनकार किया था, फिर भी लोग नहीं माने और नाव में चढ़ते गए। लोगों को बचाने के लिए कुछ देर में दूसरी नाव भी गहरे पानी में पहुंची, लेकिन तब तक काफी लोग डूब चुके थे।

पहले से जर्जर थी नाव

लोगों ने बताया कि लकड़ी की नाव की हालत पहले से खराब थी। इसके बाद भी क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बैठाया गया था। साथ ही नदी पार करवाने के लिए नाव पर बाइकें भी बांध दी गई थीं। इस वजह से नाव वजन नहीं सह सकी और डूब गई।