प्रदेश के तीसरे टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन बाघिन एमटी 4 का जंगल में मूवमेंट

शिकार में घायल बाघिन एमटी 4 को इलाज के बाद टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया

जयपुर। प्रदेश के तीसरे टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन बाघिन एमटी 4 का बुधवार को जंगल में मूवमेंट जारी है। इलाज के बाद बाघिन काफी एक्टिव नजर आ रही है। बाघिन को ट्रीटमेंट के बाद मंगलवार को अबेला बायोलॉजिकल पार्क से मुकंदरा शिफ्ट कर दिया गया था। बाघिन शिकार के दौरान घायल हो गई थी।

मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से 26 सितंबर को इलाज के लिए अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में लाई गई बाघिन एमटी-4 को मंगलवार शाम को दरा के सॉफ्ट एनक्लोजर में रिलीज किया गया। बाघिन का पांच बार एक्सरे और पैर की लेजर थैरेपी हुई है। बाघिन को पार्क में 11 दिन तक सीसीटीवी से निगरानी के बाद मंगलवार शाम को रिलीज किया गया।

रिजर्व के डीसीएफ बीजो जोय ने बताया कि इसकी हैल्थ की जांच वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट एवं सीनियर वैटरनरी डा. अरविंद माथुर, डा. राजीव गर्ग, डा. तेजेंद्र सिंह रियाड के अलावा टीम में शामिल भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली इज्ज्तनगर के वैज्ञानिक डॉ. किरण, वन्यजीव एसओएस आगरा के डा. इलयाराज की। उन्होंने बताया कि इस दौरान टीम ने जांच एवं निरीक्षण में बाघिन एमटी-4 के बायें पैर में पूरी तरह सुथार पाया गया।

साथ ही इन डॉक्टरों एवं वैज्ञानिकों द्वारा बाघिन को आवश्यक उपचार एवं जांच के बाद मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के 28 हैक्टेयर के सॉफ्ट एनक्लोजर में अधिकारियों की मौजूदगी में छोड़ा गया। यहां पर इसकी निगरानी की जा रही है। बाघिन की हैल्थ चेक-अप के दौरान रिजर्व के सीएफ एवं फील्ड डायरेक्टर सेडूराम वन्यजीव एसीएफ डा. एएन गुप्ता एसीएफ आरएस भंडारी सहित अन्य मौजूद रहे। वहीं, दूसरी ओर बाघ एमटी- 1 के अभी तक विभाग को एविडेंस नहीं मिले हैं।

ऐसा माना जाता है कि टाइगर एमटी3 इसकी तलाश में ही रणथंभौर से यहां पहंचा था

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में लाइटनिंग के नाम से मशहूर इस बाघिन को मुकंदरा शिफ्ट किया गया था। रणथंभौर में लाइटनिंग और एमटी3 का जोड़ा था। ऐसा माना जाता है कि बाघ एमटी 3 रणथंभौर से 150 किमी की यात्रा कर यहां पहुंच गया था।

टाइगर फलौदी से क्वांलजी, चंबल के किनारे सुल्तानपुर, इटावा और फिर कालीसिंध नदी पार करता हुआ 9 फरवरी 2019 को घाटीमाता मंदिर पहुंचा था। यहां ये दोनों 17 महीने 14 दिन साथ रहे। इसके बाद 23 जुलाई को बीमारी के कारण बाघ की मौत हो गई थी।